बाबा बूढ़ानाथ की भक्ति में डूबा भागलपुर, 751 निशान के साथ निकली शोभायात्रा
महाशिवरात्रि के पांच दिन पहले रविवार को भागलपुर में बाबा बूढ़ानाथ की यात्रा निकाली गई. यह शोभायात्रा रथ, घुड़सवार, बैंड-बाजा, भांगड़ा से सजी थी.
भागलपुर के नया बाजार स्थित गोशाला से महाशिवरात्रि के पांच दिन पहले रविवार को प्रात: सैकड़ों शिव भक्तों ने रंग-बिरंगे निशान के साथ बाबा बूढ़ानाथ की शोभायात्रा निकाली. बाबा बूढ़ानाथ की जय, हर-हर महादेव, ओम् नम: शिवाय व भगवान शिव के जयकारे से पूरा शहर गुंजायमान हो उठा.
रथ, घुड़सवार, बैंड-बाजा, भांगड़ा से सजी थी शोभायात्रा, महाआरती के साथ हुआ शुभारंभ
सैकड़ों की संख्या में सभी वर्ग व समाज के युवक-युवतियां, बच्चे, बुजुर्ग व महिलाओं ने शोभायात्रा में भाग लिया. घोड़े, बैंड बाजा, डीजे व भांगड़ा बाजा व रथ से शोभायात्रा सजायी गयी थी. शोभायात्रा में आगे-आगे घुड़सवार व रथ, तरह-तरह के बैंड बाजे शामिल हुए. इससे पहले बूढ़ानाथ भक्त मंडल के संरक्षक डॉ मृणाल शेखर, पार्षद डॉ प्रीति शेखर, बाबा बूढ़ानाथ भक्त मंडल के अध्यक्ष संजय साह, महासचिव नितिन भुवानिका, मीडिया प्रभारी मनीष दास, मनोज मंगलम केसरी, मुन्ना गांधी समेत सदस्यों व शिव भक्तों ने बाबा बूढ़ानाथ आरती व स्तुति गान कर शोभायात्रा का शुभारंभ किया. पूरे मार्ग में महिला-पुरुष श्रद्धालु नृत्य करते दिखे. गौशाला से निकाली गयी शोभायात्रा कोतवाली चौक, स्टेशन चौक, वेराइटी चौक, खरमनचक, दीपनगर चौक, जोगसर, बूढ़ानाथ चौक होते हुए बूढ़ानाथ मंदिर में पूरी हुई.
हरिद्वार व भागलपुर के उत्तरवाहिनी गंगा से जल लाकर किया अभिषेक
शोभायात्रा में 751 शिव भक्तों ने निशान उठाया, जिसे बाबा बूढ़ानाथ को अर्पित किया गया. इसके बाद श्रद्धालुओं ने हरिद्वार व भागलपुर की उत्तरवाहिनी गंगा से जल लाकर बाबा बूढ़ानाथ का जलाभिषेक किया गया. इसके बाद दिन भर 1500 से अधिक श्रद्धालुओं के लिए महाभंडारा का आयोजन किया गया. इसमें श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया गया. अपरिहार्य कारणों से भजन संध्या का आयोजन स्थगित कर दिया गया. संध्या में बाबा बूढ़ानाथ की शृंगारी व महाआरती का आयोजन किया गया.
जगह-जगह हुआ शिव भक्तों का स्वागत
शोभायात्रा मार्ग में जगह-जगह शिव भक्तों का स्वागत हुआ. विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से शरबत, जल, मिठाई, अबीर गुलाल एवं फूलों की बारिश करके स्वागत किया गया. इस पूरे आयोजन में बाबा बूढ़ानाथ भक्त मंडल कोषाध्यक्ष प्रशांत टेकरीवाल, सचिव सुनील लाठ, गिरधारी केजरीवाल, नीलेश कोटरीवाल, बबली जैन, विनय कुमार, मोहित कश्यप, सुनील साह, मनोज साह, विपिन बिहारी यादव, दिवाकर गुप्ता, शनि सरीन, आकाश कुमार, पवन जैन, अमित बाजोरिया, राहुल झुनझुनवाला, नवल कुमार, पंकज केडिया, रवि परशुराम, चंदन कुमार, गुड्डू कुमार, चंदन पोद्दार, रवि गुप्ता, सौरव दीवान, अमित साह आदि का विशेष योगदान रहा.