Bhagalpur News: संजीव झा. भागलपुर में प्रदूषण और जाम से बचने के जितने भी जतन किये जा रहे हैं, इसका लेवल उतनी ही छलांग मार रहा है. भागलपुर शहर में प्रशासन को टेंपो के परिचालन पर रोक लगानी पड़ी थी. इसके बाद टोटो (इ-रिक्शा) की बिक्री होने लगी. आज स्थिति यह है कि भागलपुर जिला टोटो परिचालन में बिहार का दूसरा सबसे बड़ा जिला बन गया और वर्तमान समय में यहां 16,974 टोटो रजिस्टर्ड हो चुके हैं. बावजूद इसके प्रदूषण लेवल लगातार लोगों के लिए बड़ी परेशानी बना है. वायु प्रदूषण की स्थिति यह रही है कि इस वर्ष में कई बार भागलपुर दुनिया के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों की सूची में शामिल रहा. जबकि टोटो की शुरुआत ही इस उद्देश्य से की गयी थी कि प्रदूषण का स्तर कम हो. लेकिन ऐसा हो नहीं पाया. टोटो की संख्या तो बढ़ी पर प्रदूषण स्तर बढ़ाने वाले अन्य कारकों पर नियंत्रण नहीं पाया जा सका.
भागलपुर का प्रदूषण लेवल क्यों न बढ़े ?
विद्यासागर ने कहा कि भागलपुर का वायु प्रदूषण का लेवल प्राय: उच्च स्तर पर ही रहता है. ऐसा हो भी क्यों नहीं? निर्माण स्थलों पर पानी का छिड़काव नहीं किया जाता है और लोग मजबूरन धूल फांकते रहते हैं और बीमारी से परेशान रहते हैं. उदाहरण के तौर पर देखें, तो सुलतानगंज से मुंगेर के बीच बन रहे एनएच 80 निर्माण को लेकर मसदी पंचायत के पास सड़क पर हमेशा धूल उड़ती रहती है. स्थानीय लोगों व इस रोड से गुजरनेवाले लोगों के लिए बड़ी परेशानी खड़ी हो गयी है. उड़ती धूल की वजह से सड़क दुर्घटना की आशंका बनी रहती है.
आज यह भी है जाम की वजह
जब भागलपुर शहर जाम की वजह से परेशान हो गया और इससे मुक्ति के कोई रास्ते नहीं दिखने लगे, तब तत्कालीन प्रमंडलीय आयुक्त वंदना किनी की अध्यक्षता में 26.12.2020 को क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार की बैठक हुई. भागलपुर शहर में चरणबद्ध तरीके से टेंपो के परिचालन पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया. इसके बाद टेंपो को परमिट देना बंद कर दिया गया और फिर टोटो की बिक्री में बहार आ गयी. टोटो सहजता से रोजगार देनेवाला साधन बन गया. टोटो की इतनी बिक्री हो गयी कि आज शहर में जाम की यह भी एक वजह है.
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01 नवंबर : भागलपुर शहर का अधिकतम एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के करीब पहुंच गया. ज्यादातर लोगों को सांस लेने में कठिनाई हुई.
13 नवंबर : शहर का अधिकतम एयर क्वालिटी इंडेक्स 354 तक पहुंच गया. दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में भागलपुर का स्थान 57वां रहा.
14 नवंबर : शहर का अधिकतम एयर क्वालिटी इंडेक्स 330 तक पहुंच गया. दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में भागलपुर का स्थान 116वां रहा.
16 नवंबर : भागलपुर शहर का अधिकतम एयर क्वालिटी इंडेक्स 274 रहा. इससे फॉग प्रदूषित स्मॉग में बदल गया.
18 नवंबर : जिले का सर्वाधिक एयर क्वालिटी इंडेक्स 264 रहा. ज्यादातर लोगों को सांस लेने में कठिनाई हुई.
25 नवंबर : भागलपुर शहर का अधिकतम एयर क्वालिटी इंडेक्स 295 तक पहुंच गया. दुनिया के प्रदूषित शहरों में भागलपुर का स्थान 36वां रहा.
टॉप टेन जिले और वहां रजिस्टर्ड टोटो
- पटना : 32,499
- भागलपुर : 16,974
- गया : 12,755
- समस्तीपुर : 12,659
- नालंदा : 11,212
- मोतिहारी : 11,010
- मुजफ्फरपुर : 10,528
- वैशाली : 9,933
- पूर्णिया : 9,846
- नवादा : 9,498
(नोट : ये आंकड़े 10.12.2024 तक के हैं.)