Bihar: बारूद का कहर और अब जहरीली शराब का शक, तबाही के बाद ही क्यों खुलती भागलपुर पुलिस की नींद?
भागलपुर में बारूद के अवैध खेल से मची तबाही के बाद संदिग्ध हालत में मौतों से कोहराम मचा है. मामला अभी अपुष्ट रूप से जहरीली शराब से जोड़कर देखा जा रहा है. वहीं पुलिस के रवैये पर सवाल खड़ा हुआ है.
बिहार का भागलपुर जिला फिर एक बार सुर्खियों में है. हाल में ही जिले के शहरी क्षेत्र में ही बारुद के अवैध धंधे ने दर्जन भर से अधिक लोगों की जान ले ली जबकि कई घर जमींदोज हो गये और अनेकों परिवार बेघर हो गये. वहीं अब होली के दौरान संदिग्ध हालात में कई लोगों की मौत से सनसनी मची हुई है. एक के बाद एक करके बर्बादी के दो अलग-अलग मामलों ने जिला पुलिस प्रशासन के रवैये पर भी सवाल खड़े किये हैं.
संदिग्ध हालत में मौतें, लोगों ने किया हंगामा
एक तरफ जहां पूरा बिहार होली के जश्न में डूबा रहा वहीं त्योहार का खुमार अभी उतरा भी नहीं था कि विश्विद्यालय थाना क्षेत्र अंतर्गत साहेबगंज इलाके में एक के बाद एक करके कई लोगों की मौत से सनसनी मच गयी. अचानक ये खबर आग की तरह फैली की कई लोगों की मौत संदिग्ध हालत में हो गयी है. रविवार को लोगों का आक्रोश भी खुलकर सामने दिखा. दरअसल, मृतकों के परिजनों का आरोप है कि मौत जहरीली शराब का सेवन करने से हुआ है. स्थानीय लोगों ने सड़कों पर आगजनी की और हंगामा किया.
पुलिस पर लग रहे लापरवाही के आरोप
लोगों का आरोप है कि विश्विद्यालय थाना क्षेत्र में खुलकर शराब का अवैध कारोबार किया जाता है लेकिन इसपर पुलिस कभी सुध नहीं लेती. एक अन्य स्थानीय ने यह तक आरोप लगाया कि पुलिस को शिकायत भी पहले की गयी लेकिन अनदेखा किया गया और आज लाशें सामने है. दरअसल, रविवार को मौत के बाद मामला गरमाया तो पुलिस ने ताबड़तोड़ छापेमारी भी की. लेकिन सवाल यह है कि आखिर पुलिस की नींद तब ही क्यों खुलती है जब सबकुछ बर्बाद हो चुका होता है. कई घर तबाह हो चुके होते हैं.
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हाल में हुए धमाके के बाद ही एक्टिव हुई पुलिस
हाल में ही जिला के तातारपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत काजीवली चक में बारुदों के अवैध धंधे के कारण एक मकान में जोरदार धमाका हुआ और दर्जन भर से अधिक बेकसूरों की दर्दनाक मौत हुई. धमाका इतना जोरदार था कि आस-पास के कई घर जमींदोज हो गये. मामला अवैध तरीके से पटाखा कारोबार चलाने का था.
कई घरों से निकले बारूद, आखिर ये छापेमारी बाद में ही क्यों?
भागलपुर के इस धमाके की गूंज पीएम मोदी तक के कानों तक गयी तो पुलिस भी एक्टिव हुई. ताबड़तोड़ छापेमारी की गयी तो आस-पास के कई घरों से बारुदों का ढेर बरामद हुआ. सवाल फिर वही है कि आखिर पुलिस बाद में ही क्यों एक्टिव होती है. पहले ही अगर ऐसी सतर्कता और एक्शन हो जाए तो शायद कई घरों से निकलने वाली मातम की गूंज भी रूके.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan