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बिहार: ऑक्सीजन सिलिंडर रखा था सामने, अस्पताल में किसी ने नहीं लगाया, तड़पते हुए दो की गयी जान

जहां दिल्ली व मुंबई समेत देश के अन्य शहरों में बिना ऑक्सीजन के कोरोना मरीजों की तड़प तड़प कर मौत हो रही है. वहीं ऑक्सीजन सिलिंडर मरीज के सामने रहने के बावजूद दो मरीज की मौत का मामला भागलपुर के कोविड डेडिकेटेड जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में सामने आया है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 29, 2021 3:14 PM

जहां दिल्ली व मुंबई समेत देश के अन्य शहरों में बिना ऑक्सीजन के कोरोना मरीजों की तड़प तड़प कर मौत हो रही है. वहीं ऑक्सीजन सिलिंडर मरीज के सामने रहने के बावजूद दो मरीज की मौत का मामला भागलपुर के कोविड डेडिकेटेड जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में सामने आया है.

अस्पताल के एमसीएच कोविड आइसोलेशन वार्ड में दोपहर करीब 12.30 बजे तीन मरीज बिना ऑक्सीजन के बेचैन दिखे. जबकि तीनों के सामने ऑक्सीजन सिलिंडर पड़ा हुआ था. लेकिन किसी डॉक्टर या अन्य मेडिकल स्टाफ ने ऑक्सीजन का मास्क रोगी के नाक व मुंह पर नहीं लगाया. देखते देखते दो रोगी की तड़प कर मौत हो गयी. वहीं कोरोना संक्रमित 85 वर्षीय महिला व 55 वर्षीय पुरुष की सांस धीरे धीरे उखड़ रही थी.

कोरोना पॉजिटिव महिला के परिजनों ने डॉक्टरों व नर्सों को कई बार ऑक्सीजन मास्क लगाने की गुहार लगायी. लेकिन डॉक्टरों ने साफ मना कर दिया कि ऑक्सीजन मास्क लगाना टेक्निकल स्टाफ का काम है. ऑक्सीजन लगाना हमारी ड्यूटी नहीं है. एक वृद्धा को बेड भी उपलब्ध नहीं हुआ था, उसे जमीन पर रखे एक स्ट्रेचर पर लिटा दिया गया था.

परिजन ने जब घटना की जानकारी पूछताछ केंद्र को दी, तब डॉक्टरों, ट्रालीमैन व टेक्निशियन ने आकर आनन फानन में दोनों लाशों को पैक कराया. वहीं अन्य गंभीर मरीजों का इलाज शुरू किया. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि एक मृतक का नाम देवानंद साह था. यह नाम उसके शव की पैकिंग पर लिखा हुआ था. वहीं दूसरे मृतक को उनके परिजन बिना कोविड सेफ्टी पैकिंग कराये निकल गये.

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मामले की जानकारी के लिए जब अस्पताल अधीक्षक के मोबाइल नंबर पर दो बार कॉल किया गया, उन्होंने फोन नहीं उठाया. घटना के समय मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने आशंका जतायी कि खाली ऑक्सीजन सिलिंडर को मरणासन्न मरीजों के बगल में रख दिया गया है.

दरअसल अस्पताल में ऑक्सीजन है ही नहीं. मरीज के परिजनों ने बताया कि एक बजे सभी मेडिकल स्टाफ की ड्यूटी समाप्त हो जाती है. वहीं दूसरे शिफ्ट के कर्मचारी आने से पहले सभी घर निकलने के फिराक में रहते हैं. इसी कारण कोविड मरीजों को ऑक्सीजन नहीं चढ़ाया जा सका.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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