भागलपुर: मां का श्राद्ध कर रहा बेटा उतरी पहनकर वोट डालने आया, मतदान के लिए हल्दी के बाद भी परंपरा तोड़ घर से निकली स्वाती
लोकसभा चुनाव के दूसरे फेज में भागलपुर में दो वोटर ऐसे दिखे. जिनकी चर्चा बूथों पर होती रही और सबने सराहना की.
लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण में बिहार की 5 सीटों पर मतदान शुक्रवार को संपन्न हुआ. भागलपुर में भी मतदान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुए. प्रचंड धूप के बाद भी मतदाता अपने-अपने घरों से निकले और मतदान किया. हालांकि पूरे बिहार में भागलपुर में ही सबसे कम मतदान हुए. लेकिन ऐसे कई मतदाता यहां दिखे जो कहीं धार्मिक परंपरा को तोड़कर घर से बाहर निकले और मतदान किया. पीरपैंती की बेटी स्वाती का विवाह होना है. उसने मतदान के लिए परंपरा को तोड़ा और हल्दी के बाद भी अपने घर से बाहर निकली और वोट डाला. जबकि अपनी मां का श्राद्ध कर रहे प्रांजल वाजपेयी उतरी पहनकर ही बूथ पर पहुंच गए और लोकतंत्र के इस महापर्व में हिस्सा लेकर मिशाल पेश की.
मां के श्राद्ध कर्म पर बैठा बेटा वोट डालने उतरी पहनकर पहुंचा..
भागलपुर के लालूचक अंगारी इलाके में रहने वाले प्रांजल वाजपेयी शुक्रवार को उतरी पहनकर बूथ पर पहुंच गए और उन्होंने मतदान किया. मतदान करके को लेकर वो बेहद उत्साहित थे. मतदान के दिन ही प्रांजल के मां के श्राद्ध का दशकर्म था. दशकर्म से समय निकाल कर लोकतंत्र के महापर्व में भागीदारी निभाकर प्रांजल ने लोकतंत्र के प्रति अगाध आस्था प्रदर्शित करते हुए युवाओं को मतदान के लिए प्रेरित भी किया.
सीने में गम को दबाकर वोट डालने पहुंचा..
बता दें कि प्रांजल की मां का निधन 10 दिन पहले हुआ है. जब वो वोट डालने पहुंच गए तो मतदान केंद्र पर सबकी निगाहें उनकी ओर ही थी. प्रांजल के इस कदम की सराहना भी सबने की. उनके परिजनों ने कहा कि प्रांजल के सिर पर गम का पहाड़ टूटा हुआ है. लेकिन उसने अपनी मां की मृत्यु का गम सीने में छिपाये रखा और अपने अंदर की देशभक्ति को प्रदर्शित किया. प्रांजल ने कहा कि मतदान करके उसने लोकतंत्र की मजबूती के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभायी है.
हल्दी की रस्म के बाद परंपरा तोड़कर घर से निकली स्वाती
भागलपुर के पीरपैंती में विवाह से पूर्व की रस्म को निभा रही स्वाती ने वोट डालने की ठानी और परंपरा को तोड़कर लोकतंत्र के इस महापर्व में हिस्सा लिया. ओलापुर निवासी पवन ठाकुर की पुत्री स्वाती की शुक्रवार की रात सन्हौला थाना क्षेत्र के पोठिया गांव के युवक से शादी होना निश्चित होने के बावजूद स्वाति ने दिन में बूथ पर जाकर मतदान किया. धार्मिक परंपरा के अनुसार शादी से पहले हल्दी की रस्म होती है. हल्दी हो जाने के बाद दूल्हा या दुल्हन घर से बाहर नहीं निकलते हैं.
पहली बार वोट दे रही अपनी भाभी के साथ जाकर किया मतदान
पहली बार अपना नाम वोटर लिस्ट में जुड़े होने की जानकारी पाकर स्वाती खुद को रोक नहीं पायी और मतदान करने निकल पड़ी. हालांकि, परिजन उसे घर से बाहर नहीं जाने देना चाहते थे. वह किसी की नहीं सुनीं और अपनी भाभी के साथ बूथ संख्या 304 ओलापुर मवि में मतदान कर लोकतंत्र के प्रति अपनी आस्था जतायी. स्वाती की भाभी ने भी पहली बार ही मतदान किया है.