बिहार के भागलपुर में शुक्रवार की देर रात को खाना खाकर अपने बथान पर सो रहे दो वृद्ध पशुपालकों को गांव के ही एक विक्षिप्त ने लाठी-डंडे से पीट कर मौत के घाट उतार दिया. घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने विक्षिप्त युवक की जमकर पिटाई कर दी, जिससे उसकी भी मौत हो गयी. घटना नाथनगर थाना क्षेत्र के रन्नुचक मकंदपुर गांव की है. रात दस बजे के बाद हुए इस घटनाक्रम से रन्नुचक मकंदपुर गांव से लेकर मायागंज अस्पताल तक कोहराम की स्थिति बनी रही. घटना को लेकर कई तरह की अफवाह भी उड़ी. देर रात तक स्पष्ट हो पाया कि दो वृद्ध पशुपालकों को मौत के घाट उतारने वाला युवक विक्षिप्त था.
विक्षिप्त ने दो लोगों की कर दी हत्या
मायागंज अस्पताल पहुंचे ग्रामीणों ने बताया कि विक्षिप्त युवक छोटू उर्फ अल्टर शुक्रवार को शाम में भी अजीबोगरीब हरकत कर रहा था. किसी को भी मारने-पीटने दौड़ जा रहा था. बताते हैं कि गांव के 10-12 लोगों के साथ छोटू ने मारपीट की. रात में जब पशुपालक राजीव राय (70) और जयप्रकाश राम (65) पास के ही बगीचे में बने बथान में सो रहे थे. तभी विक्षिप्त छोटू वहां पहुंचा. छोटू ने राजीव राय व जयप्रकाश राम पर हमला बोल दिया. सिर पर लगातार डंडे के प्रहार से राजीव राय जबतक वह संभल पाते, उनकी मौत हो गयी.
चौकी के नीचे छिपकर जान बचाने की कोशिश, टूट गया दम
इधर, छोटू के हमले से जब जयप्रकाश राम बुरी तरह घायल होकर जमीन पर गिर गये, तब छोटू ने उन्हें चौकी के नीचे घुसा दिया. वहीं, राजीव राय व जयप्रकाश राम की चीख सुनकर दोनों के परिजन वहां पहुंच गये. परिजनों के वहां पहुंचते ही छोटू भागने लगा. इस दौरान उसने एक अन्य युवक कृष्ण राज पर भी हमला कर दिया. जिसमें कृष्ण राज भी गंभीर रूप से घायल हो गया. कृष्ण राज ने भाग कर अपनी जान बचायी.
आक्रोशित ग्रामीणों ने हत्यारे को पीट-पीटकर मार डाला
घायल जयप्रकाश राम को लेकर परिजन मायागंज अस्पताल पहुंचे, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी. इधर, पूरे गांव में छोटू द्वारा राजीव राय और जयप्रकाश राम को मारने की खबर फैल गयी. सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण घरों से निकल आये और छोटू की खोज करने लगे. जैसे ही छोटू मिला, आक्रोशित ग्रामीणों ने उसकी पिटाई शुरू कर दी. घटना की सूचना पर नाथनगर थाना की पुलिस गांव पहुंची और ग्रामीणों के चंगुल से छोटू को निकाला. छोटू गंभीर रूप से घायल हो चुका था. उसे पुलिस तत्काल लेकर मायागंज अस्पताल पहुंची. जहां इलाज के दौरान छोटू की भी मृत्यु हो गयी.
ग्रामीणों ने पहली बार देखा छोटू का उग्र रूप
इस घटना से ग्रामीण सदमे में हैं. ग्रामीणों ने कहा कि इस तरह की घटना की दूर-दूर तक कोई आशंका नहीं थी. छोटू पिछले चार-पांच वर्षों से विक्षिप्त था. लेकिन छोटू का ऐसा उग्र रूप कभी नहीं दिखा. छोटू को गांव के बच्चे चिढ़ा कर भागते थे, तब भी वह सामान्य ही रहता था. शुक्रवार की शाम से वह अचानक उग्र हो उठा.