बगैर इलाज के लौटे डेढ़ हजार मरीज, परिजनों में बढ़ रहा आक्रोश
बगैर इलाज के लौटे डेढ़ हजार मरीज, परिजनों में बढ़ रहा आक्रोश
– जेएलएनएमसीएच. कोलकाता के आरजी कर कॉलेज की मेडिकल छात्रा की हत्या का विरोध और हेल्थ कर्मियों से जुड़ा सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट की मांग पर आंदोलन जारी – मायागंज अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) में मंगलवार को भी जूनियर डॉक्टरों ने ओपीडी सेवा को बाधित रखा. जूनियर डॉक्टरों ने सुबह नौ बजे आकर ओपीडी भवन के रजिस्ट्रेशन काउंटर, डॉक्टर चेंबर समेत मुख्य गेट को बंद कर दिया. इस कारण करीब 1500 से अधिक मरीज बिना इलाज कराये वापस लौट गये. कोलकाता के आरजी कर कॉलेज की मेडिकल छात्रा की हत्या का विरोध और हेल्थ कर्मियों से जुड़ा सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट की मांग पर आंदोलन लगातार 13 अगस्त से जारी है. लगातार ओपीडी सेवा बंद रहने के कारण मरीज बेहाल हो रहे हैं. इससे उनके परिजनों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. परिजनों का कहना है कि एक सप्ताह पहले की जांच रिपोर्ट को डॉक्टर अबतक देख नहीं पाये हैं. रिपोर्ट के आधार पर मरीज को दवा नहीं लिखी गयी है. अगर मरीज को कुछ हो गया तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा. मरीजों को मजबूरीवश इलाज के लिए निजी क्लीनिकों में जाना पड़ रहा है. इधर, सदर अस्पताल में ओपीडी सेवा सुचारू रूप से जारी रही. इससे मायागंज के कई मरीज इलाज कराने सदर चले गये. बुधवार को भी ओपीडी सेवा बाधित रहेगी : मामले पर अस्पताल अधीक्षक डॉ राकेश कुमार ने बताया कि अस्पताल के इमरजेंसी विभाग व इंडोर विभाग में मरीजों का इलाज जारी है. जूनियर डॉक्टरों का आंदोलन पटना मुख्यालय से संचालित हो रहा है. राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों की ओपीडी सेवा बंद है. आशंका है कि बुधवार को भी ओपीडी सेवा बंद रहेगी. इधर, गायनी विभाग से मिली सूचना के अनुसार मंगलवार को 18 मरीजाें का एडमिशन हुआ. इनमें से नाै की सर्जरी से और तीन का सामान्य प्रसव भी कराया गया. हर्निया का टांका कटवाने के लिए भटक रहे : सबौर के मिर्जापुर निवासी वृद्ध सियाराम यादव ने बताया कि सांस की बीमारी है. एक सप्ताह में दो बार मायागंज अस्पताल आ चुका हूं. अबतक इलाज नहीं हुआ. वहीं जगदीशपुर निवासी श्यामल तांती ने बताया कि हर्निया का ऑपरेशन मायागंज में ही कराया था. डॉक्टर ने 18 अगस्त को टांका काटने के लिए बुलाया था. दो दिन से भटक रहे हैं, डॉक्टर नहीं मिले. वहीं सुल्तानगंज के देवधा निवासी उदय दास एक सप्ताह से अपनी पत्नी का टीबी जांच कराने के लिए भटक रहे हैं. पत्नी को टीबी वार्ड में संदिग्ध मानकर इलाज किया जा रहा है. मधुरापुर नारायणपुर निवासी आशा कुमारी अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट लेकर एक सप्ताह से डॉक्टर से मिलने का इंतजार कर रही है. उसकी छाती में गांठ हो गयी है. उसकी मां काफी परेशान हो रही हैं.
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