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बरसात में नाला बहने के बाद भागलपुर नगर निगम की खुली नींद, निगम की लापरवाही से लोग परेशान

भागलपुर : मानसून आ गया है. बारिश के साथ ही शहर के नाले सड़क पर बहने लगे हैं. कई इलाके तो ऐसे हैं जहां आमदिन में भी नाले का पानी सड़क पर बहत है. मॉनसून पूर्व नालों की सफाई को लेकर राज्य सरकार के निर्देश व बेहाल स्थिति के बाद भी निगम की ओर से कोई खास व्यवस्था नहीं की गयी.

भागलपुर : मानसून आ गया है. बारिश के साथ ही शहर के नाले सड़क पर बहने लगे हैं. कई इलाके तो ऐसे हैं जहां आमदिन में भी नाले का पानी सड़क पर बहत है. मॉनसून पूर्व नालों की सफाई को लेकर राज्य सरकार के निर्देश व बेहाल स्थिति के बाद भी निगम की ओर से कोई खास व्यवस्था नहीं की गयी. अब जब बारिश होने लगी. नाले का पानी और कचरा सड़क पर बहने लगा, कई हथिया नाला का कचरा गंगा में जाने लगा तब निगम में सोमवार को मैराथन बैठक शुरू हुई. कई निर्देश दिये गये. खास कर बारिश के पूर्व निगम द्वारा नालों की उड़ाही की स्थिति की जानकारी के लिए नगर आयुक्त ने एक टीम का गठन किया है. इस टीम को निगम के क्षेत्र के वार्डों की जिम्मेवारी दी गयी है. ये अपने अावंटित वार्डों का प्रतिदिन निरीक्षण करेंगे और प्रतिवेदन हर दिन शाम पांच बजे नगर आयुक्त को देंगे.

जाने कौन क्या देखेगा

कार्यपालक अभियंता बुडको राजेश कुमार वार्ड एक से पांच, उप नगर आयुक्त सतेंद्र प्रसाद वर्मा वार्ड छह से 10, उप नगर आयुक्त प्रफुल्ल चंद्र यादव वार्ड 11 से 15, उप नगर आयुक्त रीता कुमारी वार्ड 16 से 20, नगर प्रबंधक वार्ड 21 से 25, सहायक अभियंता विकास कुमार वार्ड 26 से 30, सहायक अभियंता हरेराम चौधरी वार्ड 31 से 35, कनीय अभियंता राकेश कुमार सिन्हा वार्ड 36 से 40, बुडको के सहायक अभियंता अंजनी कुमार वार्ड 41 से 45 और सहायक अभियंता बुडको पुष्पेश कुमार वार्ड 46 से 51.

भागलपुर नगर निगम प्रशासन अभी यह तय नहीं कर पाया है कि कूड़ा कहां डंप करना चाहिए और कहां नहीं

इसका खामियाजा न सिर्फ आम लोग भुगत रहे हैं, बल्कि अब तो सरकारी दफ्तर भी इससे अछूता नहीं है. अभी बाढ़ का समय है और केंद्रीय जल आयोग का वेतार केंद्र सह गेज स्थल पर काम सक्रिय हो गया है. कार्यालय के सामने निगम कूड़ा गिराना बंद नहीं किया है. कार्यालय के सामने कूड़ा डंप करने के विरुद्ध सहायक अभियंता ने नगर आयुक्त व जिलाधिकारी को आवेदन सौंपा है. उन्होंने कहा है कि पिछले महीने के अंतिम सप्ताह में वह अपने कार्यालय का निरीक्षण में देखा कि काफी कूड़ा फैला है और दुर्गंध आ रही है. कार्यालय में चार-पांच कर्मचारी दिन-रात काम करते हैं. कार्यालय से बाढ़ पूर्वानुमान का काम पिछले कई वर्षों से किया जा रहा है. दुर्गंध से काम में बाधा हो रही है. उन्होंने कूड़ा डंपिंग पर रोक लगा कहीं अन्यत्र फेंकने की मांग की.

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