17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Bihar: भागलपुर में कचरा से गुजरते शिवभक्त, खुले में हो रही मांस की बिक्री, निगम की तैयारी सावन में भी फेल

भागलपुर में नगर निगम की घोषणाएं फाइलों में ही सिमटीं हैं. शहर का हाल बेहाल है. सावन में जिस रास्ते कांवरिये गुजरते हैं वहां भी साफ-सफाइ का ख्याल नहीं रखा गया. न खुले में मांस की बिक्री हुई बंद न ही घर-घर डस्टबीन दिया गया.

भागलपुर नगर निगम में ऐसी कई घोषणाएं हुईं, जिनमें से कुछ पर कुछ दिन अमल हुआ, उसके बाद वह ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. कुछ घोषणाओं पर तो अमल तक नहीं हुआ. एक माह पहले आये नगर आयुक्त डॉ योगेश कुमार सागर ने निगम की व्यवस्था को तेजी से पटरी पर लाने के लिए कई निर्णय लिये. उस निर्णय पर कुछ दिन अमल हुआ, उसके बाद उस पर काम ही नहीं हुआ. अगर इन निर्णयों का पालन सही तरीके से हो जाये तो शहर की व्यवस्था ही बदल जायेगी.

खुले में बिक रहा मांस-मछली

शहर में खुले में मांस-मछली की बिक्री हो रही है. तिलकामांझी, भीखनपुर, बरारी, नाथनगर, दक्षिणी क्षेत्र के कई इलाके ऐसा हैं, जहां खुले में मांस-मछली की बिक्री हो रही है. विक्रेताओं के पास इसे बेचने का लाइसेंस तक नहीं है. निगम ने कई साल से इन्हें लाइसेंस नहीं दिया है. फिर भी ये अपनी मर्जी से खुले में मांस और मछली बेच रहे हैं. खुले में मांस-मछली की बिक्री न हो इसके लिए निगम ने कई बार अभियान चलाया, लेकिन अभियान सिर्फ खानापूर्ति तक सीमित रहा. स्थिति यह है कि हर दिन निगम के पदाधिकारी से लेकर कर्मी खुले में मांस-मछली की बिक्री होते हुए देखते हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं होती है.

होल्डिंग टैक्स शाखा व जन्म-मृत्यु शाखा नहीं हुई ऑनलाइन

निगम की होल्डिंग टैक्स शाखा और जन्म मृत्यु शाखा पांच साल से ऑनलाइन नहीं हो पायी है. इसे ऑनलाइन करने की शुरुआत तो हुई, लेकिन अभी तक पूरी नहीं हो पायी. सिर्फ जन्म-मृत्यु शाखा के फॉर्म कंप्यूटर पर अपलोड होते हैं. ये भी ऑनलाइन नहीं हो पाया है. इसके लिए भी निगम ने अब कोई पहल नहीं की है. जब ये दोनों शाखाएं ही अभी तक ऑनलाइन नहीं हो पायी हैं, तो अन्य शाखाओं की बात ही छाेड़ दीजिये.

Also Read: Bihar News: अररिया के कांवरिया की बासुकीनाथ में मौत, स्कॉर्पियो और बाइक की टक्कर में गयी जान
कई बैठकों में लिया गया निर्णय

निगम ने पिछली कई बैठकों में यह निर्णय लिया था कि सफाई व्यवस्था वार्ड की गलियों तक चकाचक रहे इसके लिए गली की दीवारों पर वहां सफाई करने वाले कर्मी, वार्ड प्रभारी और जोनल प्रभारी का नाम और नंबर लिखा जायेगा, ताकि अगर वहां सफाई नहीं हो रही है, तो उस नंबर पर लोग फोन कर जानकारी दे सकें. पर, इस निर्णय पर अमल नहीं हुआ. कुछ दिन पहले नगर आयुक्त डॉ योगेश कुमार सागर ने भी यह निर्देश दिया था और सूची तैयार करने को कहा था, लेकिन निर्देश भी ठंडे बस्ते में है.

Published By: Thakur Shaktilochan

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें