भागलपुर नगर निगम में ऐसी कई घोषणाएं हुईं, जिनमें से कुछ पर कुछ दिन अमल हुआ, उसके बाद वह ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. कुछ घोषणाओं पर तो अमल तक नहीं हुआ. एक माह पहले आये नगर आयुक्त डॉ योगेश कुमार सागर ने निगम की व्यवस्था को तेजी से पटरी पर लाने के लिए कई निर्णय लिये. उस निर्णय पर कुछ दिन अमल हुआ, उसके बाद उस पर काम ही नहीं हुआ. अगर इन निर्णयों का पालन सही तरीके से हो जाये तो शहर की व्यवस्था ही बदल जायेगी.
शहर में खुले में मांस-मछली की बिक्री हो रही है. तिलकामांझी, भीखनपुर, बरारी, नाथनगर, दक्षिणी क्षेत्र के कई इलाके ऐसा हैं, जहां खुले में मांस-मछली की बिक्री हो रही है. विक्रेताओं के पास इसे बेचने का लाइसेंस तक नहीं है. निगम ने कई साल से इन्हें लाइसेंस नहीं दिया है. फिर भी ये अपनी मर्जी से खुले में मांस और मछली बेच रहे हैं. खुले में मांस-मछली की बिक्री न हो इसके लिए निगम ने कई बार अभियान चलाया, लेकिन अभियान सिर्फ खानापूर्ति तक सीमित रहा. स्थिति यह है कि हर दिन निगम के पदाधिकारी से लेकर कर्मी खुले में मांस-मछली की बिक्री होते हुए देखते हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं होती है.
निगम की होल्डिंग टैक्स शाखा और जन्म मृत्यु शाखा पांच साल से ऑनलाइन नहीं हो पायी है. इसे ऑनलाइन करने की शुरुआत तो हुई, लेकिन अभी तक पूरी नहीं हो पायी. सिर्फ जन्म-मृत्यु शाखा के फॉर्म कंप्यूटर पर अपलोड होते हैं. ये भी ऑनलाइन नहीं हो पाया है. इसके लिए भी निगम ने अब कोई पहल नहीं की है. जब ये दोनों शाखाएं ही अभी तक ऑनलाइन नहीं हो पायी हैं, तो अन्य शाखाओं की बात ही छाेड़ दीजिये.
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निगम ने पिछली कई बैठकों में यह निर्णय लिया था कि सफाई व्यवस्था वार्ड की गलियों तक चकाचक रहे इसके लिए गली की दीवारों पर वहां सफाई करने वाले कर्मी, वार्ड प्रभारी और जोनल प्रभारी का नाम और नंबर लिखा जायेगा, ताकि अगर वहां सफाई नहीं हो रही है, तो उस नंबर पर लोग फोन कर जानकारी दे सकें. पर, इस निर्णय पर अमल नहीं हुआ. कुछ दिन पहले नगर आयुक्त डॉ योगेश कुमार सागर ने भी यह निर्देश दिया था और सूची तैयार करने को कहा था, लेकिन निर्देश भी ठंडे बस्ते में है.
Published By: Thakur Shaktilochan