भागलपुर में नगर निगम शुद्ध पेयजल आपूर्ति कर पाने में जितनी सुस्ती बरत रहा है, पानी का कारोबारी उतना फल-फूल रहा है और आम जनता परेशान है. हाल के दिनों में गंगा की दूरी बढ़ जाने के कारण जमुनिया धार पर जलापूर्ति निर्भर है. इससे साफ पानी नहीं मिल पा रहा है. नगर निगम गंभीरता से काम नहीं कर रहा. दूसरी ओर शहर में बोतल बंद और जार वाले पानी के काराबार ने उछाल मार दिया है. कारोबारियों की मानें तो प्रतिमाह जहां 40 लाख रुपये के बोतल बंद पानी की बिक्री होती है, वहीं 60 लाख रुपये के जार के पानी की बिक्री शहर में हो रही है.
एक वाटर प्यूरिफाइंग मशीन की कंपनी के पदाधिकारी राज पोद्दार की मानें तो पिछले वर्ष जहां प्रतिमाह हर कंपनी के 350 से 400 तक मशीनों की बिक्री हो रही थी. इस साल बढ़कर प्रति माह 500 आरओ की बिक्री हो गयी है. इससे 75 लाख से एक करोड़ रुपये का कारोबार हो रहा है, जबकि पहले 50 लाख का भी कारोबार नहीं होता था. वहीं शहर के बड़े बर्तन कारोबारी अरुण कुमार ने बताया कि शहर में प्रतिदिन 50 से 60 प्यूरिफाइंग मशीन की बिक्री होती है. ब्रांडेड मशीनें 13500 से 15500 रुपये प्रति पीस बिक रहे हैं.
शहर के विभिन्न मोहल्ले में पानी फिल्टर कर जार, थर्मस व बोतलों में भरे जा रहे हैं. शहर के आदमपुर, सराय, बरारी, संतनगर, खंजरपुर, चुनिहारी टोला, उर्दू बाजार, तिलकामांझी, अलीगंज, मिरजानहाट, भीखनपुर, नाथनगर, चंपानगर, मानिकपुर, सिकंदरपुर आदि क्षेत्रों से पानी को फिल्टर कर जार में पानी का कारोबार किया जा रहा है. उपभोक्ताओं के घरों तक सीधे फिल्टर्ड पानी पहुंचाने का सिस्टम भी तेजी से विकसित हुआ है. इसका दायरा भी बढ़ रहा है. इससे आये दिन पेयजल, फिल्टर वाटर हो या ब्रांडेड मिनरल वाटर की मांग बढ़ रही है. भागलपुर में लगभग एक लाख लीटर से भी ज्यादा फिल्टर्ड पानी की खपत हो रही है. गर्मी में बोतलबंद पानी की खपत और बढ़ जाती है. रोजाना बड़ी संख्या में जार वाटर शहर के विभिन्न मोहल्ले में उतारी जा रही हैं. रोज 25 हजार लीटर केवल ब्रांडेड मिनरल वाटर बिक रहे हैं.
Also Read: 48 घंटे बाद भी जदयू नेता के हत्यारे पुलिस की गिरफ्त से दूर, घटना के एक घंटे बाद तक फोन पर बात-चीत करता रहा अभियुक्त
फिल्टर पानी के कारोबारी राजेश रंजन सिंह ने बताया कि बोरिंग द्वारा भूमिगत पानी को निकाल कर ओवरहेड टैंक तक पहुंचाया जाता है. इसके बाद पानी में एलम (फिटकरी) मिलाया जाता है. इससे पानी में मौजूद फ्लोकूलेंट प्रेसिपिटेट अलग हो जाता है. इस ट्रीटेड वाटर को लो प्रेशर पंप से मल्टीग्रेड सैंड फिल्टर व एक्टिवेटेड कार्बन फिल्टर से शुद्ध किया जाता है. इसके बाद एंटी स्कैलेंट मिला कर माइक्रोन बैग फिल्टर व माइक्रोन कॉटेज फिल्टर से पानी को प्रवाहित कराया जाता है. पुन: पानी को रिवर्स ओसमोसिस (आरओ) से प्रवाहित किया जाता है, जिसके बाद 60 प्रतिशत शुद्ध पानी व 40 प्रतिशत अशुद्ध मिलता है. शुद्ध पानी को बोतलों में भरा जाता है व अशुद्ध पानी को बोरिंग वाले क्षेत्र में बहा दिया जाता है, ताकि वाटर लेवल बना रहे.
Posted by : Thakur Shaktilochan