अपनी जमीन बता अतिक्रमण हटाने और सामान जब्त करने के मामले में भागलपुर नगर निगम प्रशासन बुरी तरह फंस गया. मामले की शिकायत मोहदीनगर के स्व चमक लाल पोद्दार उर्फ कनक पोद्दार की विधवा माला देवी ने जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय में करायी. सुनवाई के दौरान नगर निगम को साक्ष्य उपलब्ध कराना था, तो निगम प्रशासन टालमटोल करने लगा. छह सुनवाई में से किसी में भी नगर आयुक्त उपस्थित नहीं हुए. जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी अरुण कुमार सिंह ने अमीन, लिपिक आदि पर कार्रवाई करने का आदेश दिया. फरियादी माला देवी को सामान वापस करने या मुआवजा देने का आदेश निगम प्रशासन को दिया.
मोहदीनगर की माला देवी ने लोक शिकायत निवारण में दिये आवेदन में आरोप लगाया कि नगर निगम ने अपनी जमीन बता 21.12.2018 को अतिक्रमण के नाम पर घर तोड़ दिया. घर के सारे कीमती सामान को छह ट्रैक्टरों में लाद कर गायब कर दिया. शिकायत की प्रति नगर आयुक्त को भेजते हुए जांच कर निराकरण की रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया. इस मामले की इस साल 29 जनवरी, 12 फरवरी, 26 फरवरी, 12 मार्च, 19 मार्च व पांच अप्रैल को सुनवाई हुई. सुनवाई में नगर आयुक्त के प्रतिनिधि उपस्थित हुए.
नगर आयुक्त के प्रतिनिधि द्वारा बार-बार आवश्यक जांच कर प्रतिवेदन समर्पित करने के लिए समय की मांग की जाती रही. माला देवी ने बताया कि 04.01.2019 को नगर आयुक्त को पत्र दिया गया है. इसमें अतिक्रमण हटाने के दौरान नगर निगम के अमीन जयचंद मंडल व लिपिक संतोष कुमार दास ने उनके घर से छह ट्रैक्टर में सामान जब्त कर अतिक्रमण स्थल से लेकर चले गये. 12 फरवरी को नगर आयुक्त को निर्देश दिया गया कि वह इस मामले में अतिक्रमण हटाने के समय प्रतिनियुक्त कर्मी के संबंध में जांच करते हुए परिवादी के लगाये गये आरोप के संबंध में रिपोर्ट सौंपे. नगर आयुक्त के प्रतिनिधि द्वारा सुनवाई के क्रम में जांच कर प्रतिवेदन समर्पित कराने के संबंध में समय की मांग की गयी.
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शिकायतकर्ता ने घटना की वीडियो सीडी भी समर्पित की और उक्त सीडी की प्रति नगर आयुक्त के प्रतिनिधि लिपिक आदित्य जायसवाल को उपलब्ध कराया और रिपोर्ट देने का निर्देश दिया. नगर आयुक्त को स्वयं उपस्थित होने का निर्देश दिया गया, लेकिन आजतक नगर आयुक्त ने कोई रिपोर्ट नहीं दी. लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने सुनवाई के दौरान कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि सुनवाई के क्रम में आने वाले लोक प्राधिकार के प्रतिनिधि द्वारा प्रासंगिक मामले की जानकारी नगर आयुक्त को नहीं दी जाती है, जो अत्यंत खेद का विषय है. इन तथ्यों को देखते हुए प्रथम दृष्टया शिकायतकर्ता का दावा स्वीकार योग्य माना गया.
-नगर आयुक्त के प्रतिनिधि लिपिक आदित्य जायसवाल से स्पष्टीकरण किया जायेगा. स्पष्टीकरण से असंतुष्ट होने की स्थिति में उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी.
-वीडियो सीडी की जांच कर तत्कालीन अमीन जयचंद्र मंडल व लिपिक संतोष कुमार दास के विरुद्ध दोष सिद्ध होने पर 15 दिनों में अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी.
-शिकायतकर्ता को उनका सामान वापस करेगा नगर निगम या फिर मुआवजा राशि का भुगतान करने के लिए विधिसम्मत कार्रवाई करेगा.
Posted By: Thakur Shaktilochan