नौकायन से भारतवर्ष के नदियों को जोड़ने का प्रयास : एनसीसी ग्रुप कमांडर
कानपुर से कोलकाता तक गंगा यात्रा पर निकला एनसीसी का 144 सदस्यीय नौकायन दल, भागलपुर पहुंचा
वरीय संवाददाता, भागलपुर गंगा यात्रा पर निकला एनसीसी का नौकायन दल शुक्रवार को बरारी पुलघाट पर पहुंचा. दल में बिहार व झारखंड समेत महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पुदुच्चेरी, अंडमान निकोबार, कर्नाटक, गोवा के 144 बालक व बालिका कैडेट्स शामिल हैं. जो अपने हाथ से नाव चलाते हुए कानपुर से कोलकाता के बीच 1600 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे. वहीं शनिवार को एनसीसी नौकायन टीम मायागंज अस्पताल के सामने शेल्टर हाउस में सुबह सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करेगी. देश में एनसीसी की तरफ से स्पेशल नौका अभियान का नेतृत्व एनसीसी नैनीताल के ग्रुप कमांडर व भारतीय नौ सेना के कोमोडोर बल राजेश सिंह कर रहे हैं. उन्होंने प्रभात खबर को बताया कि सबसे पहले मां गंगा व इसके तट पर बसे भागलपुर शहर को प्रणाम करता हूं. नौकायन का मकसद पूरे भारतवर्ष को अपनी नदियों से जोड़ना है. नदियां हमारी संस्कृति की जननी हैं. इनमें हमारे देश में सर्वप्रथम मान्यता मां गंगा का है. मां गंगा के माध्यम से हम हर प्रांत के एनसीसी कैडेट्स व स्थानीय लोगों को अपनी नदियों से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं. नदियों में जो प्रदूषण बढ़ रहा है, उसकी तरफ भी आमलोगों का ध्यान आकृष्ट करना है. 40 दिन का सफर पूरा कर भागलपुर पहुंची टीम : टीम ने 21 अक्तूबर को कानपुर के अटल घाट से अपनी यात्रा शुरू की थी. इसके बाद नौकायन टीम प्रयागराग, काशी, बक्सर, पटना, सुलतानगंज होकर 40 दिन का सफर पूरा कर भागलपुर पहुंची. इस दौरान टीम ने एक हजार किलोमीटर से अधिक की यात्रा पूरी की. आगे 600 किलोमीटर शेष बचा है. अगले चरण में एनसीसी कैडेट्स गंगा नदी होकर कहलगांव पहुंचेगी. वहां पर विक्रमशिला महाविहार परिसर का अवलोकन किया जायेगा. इस महाविहार को आक्रांताओं ने नालंदा विश्वविद्यालय के साथ विध्वंस कर दिया था. हमारे बच्चों को भी इससे अवगत कराना है. इसके बाद एक दिसंबर को कटिहार के मनिहारी घाट जायेंगे. फिर फरक्का होकर कोलकाता में सफर का समापन होगा. कहीं तेज धार तो कहीं कम पानी की समस्या : बताया कि गंगा नदी में नौका चलाने के दौरान उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा. नदी में कहीं पर कम पानी मिलता था तो कहीं पर तेज धार से सामना करना पड़ा, लेकिन लोगों का प्रेम, स्नेह और आशीर्वाद से काफी मनोबल बढ़ा. हम हर तरह की चुनौती को स्वीकार करते हुए आगे बढ़ते रहे. समस्या को हमने चैलेंज की तरह स्वीकार किया. कई बार काफी दूरी तक हमें घाट नहीं मिला. इसके लिए हमारे पास पर्याप्त मात्रा में खाने पीने का सामान मौजूद था. नौकायन टीम के स्वागत के लिए 2 बिहार गर्ल्स बटालियन के कर्नल मनीष कुमार, सूबेदार बागल एसके, सीनियर जीसीआइ कुमारी सीमा, बीएचएम अनिल कुमार समेत बालिका एनसीसी कैडेट्स थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है