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योग्य आवेदिका को कर दिया दरकिनार, अमान्य बोर्ड से उत्तीर्ण अभ्यर्थी को बना दी आंगनबाड़ी सेविका

bhagalpur news पूरे मामले के संज्ञान में आने के बावजूद वर्षों तक मामले को दबाये रखा. कोई कार्रवाई नहीं की. अब इसकी जांच हो रही है

By RajeshKumar Ojha | May 17, 2024 5:25 AM

Bhagalpur News सन्हौला प्रखंड की धुआवे पंचायत के वार्ड 10 के लिए चयनित आंगनबाड़ी सेविका के शैक्षणिक योग्यता प्रमाणपत्र का सत्यापन नहीं किया. निजी स्वार्थवश जिला प्रोग्राम पदाधिकारी के निर्देश की अवहेलना करते हुए अमान्य बोर्ड से उत्तीर्ण अभ्यर्थी का चयन सेविका के पद पर किया. मामला संज्ञान में लाने के बावजूद वर्षों तक मामले को दबाये रखा. कोई कार्रवाई नहीं की. सीडब्ल्यूजेसी संख्या 4082/2021 में उच्च न्यायालय द्वारा पांच जुलाई 2021 को पारित आदेश में इन्हें दोषी पाया गया.

मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना का लाभ नहीं मिलने के बाद इन्हें दोषी के रूप में चिह्नित किया गया. गलत तरीके से योग्य आवेदिका को दरकिनार कर अयोग्य व्यक्ति का चयन किया. इन आरोपों को लेकर सन्हौला की तत्कालीन बाल विकास परियोजना पदाधिकारी (वर्तमान में नवहट्टा, रोहतास में कार्यरत) के विरुद्ध भागलपुर डीएम ने 18 अप्रैल 2022 को आरोप पत्र गठित कर आइसीडीएस निदेशालय, पटना को उपलब्ध कराया था. इस पर निदेशक ने समाज कल्याण विभाग को उपलब्ध कराते हुए विभागीय कार्यवाही संचालित करने की अनुशंसा की है.

आरोपों व साक्ष्यों की हुई समीक्षा

आइसीडीएस के निदेशक से प्राप्त आरोप पत्र में अंकित किये गये आरोपों व साक्ष्यों की समीक्षा अनुशासनिक प्राधिकार ने की है. समीक्षा के बाद गठित आरोप पत्र को एप्रूव कर दिया गया है. इस पर पूर्व सीडीपीओ से स्पष्टीकरण 27 फरवरी 2024 को प्राप्त कर लिया गया है, लेकिन स्पष्टीकरण की समीक्षा के बाद इसे स्वीकार योग्य नहीं पाया गया. इस कारण आरोपित पदाधिकारी के विरुद्ध विभाग ने विभागीय कार्यवाही संचालित करने का निर्णय लिया है.


विशेष कार्य पदाधिकारी करेंगी कार्यवाही का संचालन
समाज कल्याण विभाग की विशेष कार्य पदाधिकारी पिंकी कुमारी को विभागीय कार्यवाही का संचालन पदाधिकारी बनाया गया है. विभाग के प्रशाखा पदाधिकारी-02 को प्रस्तुतीकरण पदाधिकारी नियुक्त किया गया है. आरोपित पदाधिकारी श्रीमती कुमारी को विभाग की संयुक्त सचिव कुमारी सीमा ने निर्देश दिया है कि वे संचालन पदाधिकारी (जांच पदाधिकारी) की अनुमति मिलने पर अपने बचाव का लिखित स्पष्टीकरण प्रस्तुत करेंगी. अगर वह लिखित स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं करेंगी या निर्देशों का अनुपालन नहीं करेंगी, तो संचालन पदाधिकारी (जांच पदाधिकारी) उनके विरुद्ध एकपक्षीय जांच कर सकेंगे.

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