Bhagalpur News : भगवान महावीर जयंती पर दिगंबर जैन सिद्धक्षेत्र से निकलेगी शोभायात्रा
जैन धर्मावलंबी 21 अप्रैल को शुक्ल पक्ष त्रयोदशी को महावीर जयंती मनायेंगे. इसी दिन 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म हुआ था. इस दिन शहर के सभी जैन मंदिरों व अलग-अलग स्थानों पर विविध आयोजन होंगे.
जैन धर्मावलंबी 21 अप्रैल को शुक्ल पक्ष त्रयोदशी को महावीर जयंती मनायेंगे. इसी दिन 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म हुआ था. इस दिन शहर के सभी जैन मंदिरों व अलग-अलग स्थानों पर विविध आयोजन होंगे. भगवान महावीर की शोभायात्रा आकर्षण का केंद्र होगा.
दिगंबर, श्वेतांबर व तेरापंथी समाज से जुड़े श्रद्धालु बड़ी संख्या में होंगे शामिल
दिगंबर जैन सिद्धक्षेत्र मंत्री सुनील जैन ने बताया कि 21 अप्रैल को भगवान महावीर की जयंती पर शोभायात्रा निकाली जायेगी. इसमें दिगंबर, श्वेतांबर व तेरापंथी से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे. श्री चंपापुर दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र मंदिर से सुसज्जित रथ शोभायात्रा में शामिल होगा. शोभायात्रा में शामिल होने के लिए रथ को विशेष रूप से तैयार किया जा रहा है. पिछले दिनों हुए पंच कल्याणक महोत्सव के बाद महावीर जयंती का आयोजन मनाया जा रहा है. सुबह 5:30 बजे कोतवाली चौक स्थित दिगंबर जैन मंदिर से प्रभातफेरी निकाली जायेगी. 7:00 बजे भगवान महावीर का सामूहिक पूजन की जायेगी. सुबह 8 बजे दिगंबर जैन मंदिर कोतवाली से शोभायात्रा निकाली जायेगी. शोभायात्रा कोतवाली चौक, गौशाला रोड, चुनिहारी टोला, खलीफाबाग चौक, स्टेशन चौक होते हुए वापस कोतवाली चौक जैन मंदिर पहुंचेगी.पुरुष श्रद्धालु श्वेत परिधान में, तो महिलाएं केसरिया परिधान में होंगी शरीक
कोतवाली चौक स्थित दिगंबर जैन मंदिर में शोभायात्रा के उपरांत भगवान महावीर का मस्तकाभिषेक किया जायेगा. संध्या 6:30 बजे भजन,स्तुति और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे. शोभायात्रा में पुरुष श्वेत वस्त्रों में और महिलाएं केसरिया परिधान में रहेंगे. विजय रारा, पदम पाटनी, प्रकाश बड़जात्या, जय कुमार काला, अशोक पाटनी, सुमंत पाटनी, राजीव पाटनी, आलोक बड़जात्या, विनोद विनायका, संजय विनायका, संजय गंगवाल, प्रतीक अजमेरा, उत्तम पाटनी आदि तैयारी में लगे हुए हैं.
शहर के सभी जैन समाज के प्रतिष्ठान रहेंगे बंद
21 अप्रैल को जैन समाज अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद रखेंगे. सुनील जैन ने बताया कि जैन धर्म 24 तीर्थंकरों के जीवन और शिक्षा पर आधारित है. तीर्थंकर यानी वो आत्माएं जो मानवीय पीड़ा और हिंसा से भरे इस सांसारिक जीवन को पार कर आध्यात्मिक मुक्ति के क्षेत्र में पहुंच गयी हैं.