Bhagalpur News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 फरवरी को भागलपुर आयेंगे. हवाई अड्डा पर आयोजित होने वाले समारोह में जनता को संबोधित करेंगे. इसे लेकर भागलपुर को काफी उम्मीदें हैं. जिस तरह से प्रशासनिक स्तर पर तैयारी हो रही है और मुख्यालय को प्रस्ताव भेजे जा रहे हैं, इसे देखते हुए उम्मीद है कि विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय के शिलान्यास से लेकर सिल्क उद्योग के जीर्णोद्धार के अलावा कई योजनाओं तक की घोषणा प्रधानमंत्री कर सकते हैं.
वंदे भारत ट्रेन के लिए लगाया जा रहा जोर
प्रशासनिक स्तर से की जा रही तैयारियों को देखें, तो पटना से भागलपुर होते हुए देवघर के लिए वंदे भारत ट्रेन की घोषणा हो सकती है. सूत्र बताते हैं कि इसे संस्कृति एक्सप्रेस नाम दिया जा सकता है. दिसंबर, 2024 से ही वंदे भारत की तैयारी की जा रही है. 20 दिसंबर को कहलगांव के अंतीचक में शुरू हुए विक्रमशिला महोत्सव के उद्घाटन समारोह में डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने इसकी जानकारी दी थी. रेलवे मंत्रालय, रेलवे के मालदा डिविजन और बिहार सरकार के पर्यटन विभाग को प्रस्ताव भेज दिया गया है.
मक्का व केला रिसर्च सेंटर की हो सकती है घोषणा
प्रधानमंत्री यहां मकई और केला के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए यहां सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की घोषणा कर सकते हैं. इस दिशा में जिला प्रशासन ने प्रस्ताव कृषि विभाग को भेज दिया है. इस पर जिला प्रशासन की बात बिहार कृषि विश्वविद्यालय से भी हो चुकी है. केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इसकी स्थापना करने पर शीघ्र ही निर्णय लेने की बात कह दी है.
केंद्रीय विवि की पढ़ाई व शिलान्यास
विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय का शिलान्यास भी प्रधानमंत्री कर सकते हैं. उनके आने से पहले ही सामाजिक प्रभाव आकलन के लिए जनसुनवाई तक पूरी कर लेने की तैयारी है, जो 19 व 20 फरवरी को होनी है. विश्वविद्यालय का अकादमिक सत्र दो-तीन महीने में शुरू करने की तैयारी चल रही है. बिहार कृषि विश्वविद्यालय की पुरानी बिल्डिंग के अलावा एक और जगह देखी जा चुकी है.
सुलतानगंज-देवघर ग्रीनफील्ड सड़क का उपहार
सुलतानगंज से देवघर तक ग्रीनफील्ड फोरलेन सड़क निर्माण की घोषणा प्रधानमंत्री कर सकते हैं. इसके लिए डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र भेज चुके हैं. हालांकि डीएम ने सुलतानगंज से दर्दमारा सीमा तक का ही प्रस्ताव भेजा है. इस पथ के टू लेन होने के कारण जाम की स्थिति बनी रहती है. सुलतानगंज से देवघर (दर्दमारा, बिहार राज्य सीमा) तक की दूरी 98.865 किलोमीटर है.
गंगा किनारे तटबंध की सौगात संभव
बाढ़ के दौरान गंगा नदी के कटाव को रोकने के लिए बरारी से सबौर तक तटबंध का निर्माण प्रस्तावित है. जून, 2024 में जल संसाधन विभाग ने उच्चस्तरीय तकनीकी टीम को भागलपुर भेज कर सर्वे कराया था. 10 किलोमीटर तक डाउनस्ट्रीम में तटबंध निर्माण की विजिबिलिटी का आकलन किया गया था. जगदीशपुर व सबौर के सीओ, छह अमीन और चार कर्मचारियों की टीम ने रिपोर्ट भी तैयार कर ली है. यह तटबंध 10 किलोमीटर लंबा, 20 मीटर चौड़ा और छह मीटर ऊंचा बनेगा. जिलाधिकारी ने जल संसाधन विभाग के अपर मुख्यसचिव को तटबंध के बाबत 25 मार्च, 2024 को पत्र के माध्यम से अवगत कराया था. इसकी भी घोषणा हो सकती है.
सिल्क उद्योग क्षेत्र का जीर्णोद्धार
भागलपुर सिल्क सिटी के रूप में पहचाना जाता है. लेकिन वर्तमान में यह उद्योग कई समस्याओं से घिरा है. गत 26 दिसंबर को बिहार सरकार के सहकारिता मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने राज्य की 468 प्राथमिक बुनकर सहयोग समितियों के साथ वर्चुअल बैठक की थी. इसमें समितियों ने बताया था कि उन्हें सरकार से वित्तीय सहायता प्राप्त नहीं होने के कारण राज्य से हुनरमंद कारीगरों का पलायन हो रहा है. कई बुनकर अन्य व्यवसाय अपना रहे हैं. उत्तर प्रदेश व पश्चिम बंगाल से कच्चा माल, सूत आदि मंगवाना पड़ता है. इससे लागत मूल्य बढ़ जाता है. ऐसी और भी समस्याओं को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री घोषणा कर सकते हैं.