खेतों से गन्ना फसल हो गया विलुप्त, बंद हो गये कोल्हबाड़, उचित मूल्य नहीं मिलने के कारण किसानों ने बंद कर दी खेती

नमन चौधरी, नाथनगर, कजरैली व रतनगंज कभी गन्ना के उत्पादन के लिये जाना जाता था. लेकिन समय ने ऐसी करवट बदली कि यह क्षेत्र उपेक्षित हो गया. आज किसान के खेतों से गन्ना विलुप्ति के कगार पर है. वर्ष 2000 के बाद तो किसान अपने खेतों में गन्ना की खेती तक नहीं की है. गन्ने से गुड़ तैयार करने के लिए कोल्हबाड़ बंद हो चुके हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | December 4, 2020 9:24 AM
an image

नमन चौधरी, नाथनगर, कजरैली व रतनगंज कभी गन्ना के उत्पादन के लिये जाना जाता था. लेकिन समय ने ऐसी करवट बदली कि यह क्षेत्र उपेक्षित हो गया. आज किसान के खेतों से गन्ना विलुप्ति के कगार पर है. वर्ष 2000 के बाद तो किसान अपने खेतों में गन्ना की खेती तक नहीं की है. गन्ने से गुड़ तैयार करने के लिए कोल्हबाड़ बंद हो चुके हैं.

नाथनगर के दक्षिणी क्षेत्र कजरैली, गौराचौकी, विशनरामपुर, भतोड़िया, रतनगंज व अंधरी में करीब दो हजार बीघे से उपर खेतों में गन्ना लगाया जाता था. जिस किसान के घर गन्ना के रस पीने के लोग आते थे, आज वही किसान बाजार से गुड़ खरीद रहा है.

धान के तरह गन्ना भी हो पैक्स में शामिल : किसान गन्ना के लिये उचित मूल्य की मांग कर रहे हैं. रतनगंज के किसान अजय सिंह बताते हैं कि गन्ना की खरीद-बिक्री को लेकर सरकार ने कोई उचित मूल्य तय नहीं कर पायी है. किसानों को गन्ना के फसल में नुकसान होने लगा, स्थानीय मिल मालिक उचित दर पर गन्ना नहीं खरीदने के कारण भी किसानों ने इसकी खेती करना भी बंद कर दिये हैं.

Also Read: सरकारी तंत्र और शहरवासियों की लापरवाही से विलुप्त हो रहे भागलपुर के प्रवासी पक्षी, जहरीले पानी का भी पड़ रहा दुष्प्रभाव

दराघीबादरपुर के किसान चक्रधर सिंह बताते हैं कि गन्ना खेती फरवरी मार्च में शुरू होती थी. इसे तैयार होने में सालभर लगता है. इतने समय मे अन्य दो फसल तैयार हो जाता है. गन्ना दो फसल का समय लेता है. अधिक बालू उठाव होने से नदी गहरा हो गया. पानी खेतों तक नहीं आने लगा. सरकारी ट्यूबवेल बंद पड़ गये. पटवन की सुविधा नहीं होने से फसल नहीं होने लगा. सरकार ने इनसब चीजों पर कभी ध्यान नहीं दिया. गोड्डीबादरपुर के किसान रुद्रनारायण सिंह का कहना है कि जूस बेचनेवाले भी उचित मूल्य नहीं देते. कोरोना के चलते लॉकडाउन लगने से जूस बेचनेवाला का भी बाजार ठप पड़ गया है.

Posted by: Thakur Shaktilochan

Exit mobile version