प्रदीप विद्रोही,कहलगांव : सबौर से कहलगांव तक एनएच-80 के अनगिनत खतरनाक गड्ढे मौत के कारण बन रहे हैं. इन भयानक गड्ढों के कारण गिट्टी लदे ट्रक-हाइवा धीमी रफ्तार से चलते हैं, लेकिन इसके बाद भी वे लगातार पलट रहे हैं. सबसे अधिक परेशानी बाइक सवारों को हो रही है, जो जान हथेली पर लेकर चल रहे हैं. ज्यादातर लोगों ने तो एनएच पर बाइक की सवारी करनी ही छोड़ दी है. आये दिन हो रहे हादसों को देख राहगीरों का कलेजा मुंह को आ जाता है.
आने वाली बरसात में एनएच-80 के खूनी गड्ढे क्या कहर ढायेंगे, इसकी कल्पना मात्र से ही लोग सिहर उठते हैं. पिछले तीन दिनों में सबौर से घोघा में गिट्टी लदे दो हाइवा व दो ट्रक गड्ढों में पलट चुके हैं. ड्राइवर व खलासी की जान बाल-बाल बची है. पिछले 18 वर्षों में एनएच-80 की सेहत सुधारने में खर्च हुई राशि की जांच की मांग को लेकर जिले भर के सामाजिक कार्यकर्ता व संगठन ने ट्विटर वार शुरू कर दिया है. इसके तहत प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के अलावे मीडिया को भी जानकारी उपलब्ध करायी जा रही है.
जानकारी के अनुसार पूर्व के स्टेट हाइवे को वर्ष 2001 में एनएच-80 का दर्जा मिला. उसके बाद वर्ष 2005 से इसके निर्माण व मरम्मत की प्रक्रिया शुरू हो गयी. आरटीआइ कार्यकर्ता अजीत कुमार सिंह को सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार 18 वर्षों में यानी वित्तीय वर्ष 2005-06 से 2021-22 तक करीब 01,14,24,84,570 (01 अरब 14 करोड़ 24 लाख 84 हजार 570 रुपये) एनएच-80 को संवारने में सरकारके खजाने से उड़ गये, लेकिन परिणाम सबके सामने है.
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कई सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि इतनी बड़ी राशि का जो दुरुपयोग हुआ है, उसकी जांच होनी चाहिए और भ्रष्टाचार की गंगोत्री में किन-किन लोगों ने डुबकी लगायी, उन्हें बेनकाब करना चाहिए.
मरम्मत के अभाव में पिछले कई वर्षों से बरसात के समय एनएच के गड्ढे और भी खतरनाक हो जाते हैं. कई जानें चली जाती हैं. पिछले एक दशक में इस जर्जर एनएच पर कई लोगों की मौत हो गयी. कई घरों के चिराग बुझ गये. स्कूलों के होनहार छात्र व बूढ़े मां-बाप के जवान बेटों की बेवक्त सांसें थम गयीं. गड्ढों में जमे कीचड़ में हर दिन वाहनों का फंसना और पलटना नियति बन गया है. बाइक सवारों के लिए एनएच सबसे दुरूह हो जाता है.
वर्ष- बजट -खर्च
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2015-16 5.65 करोड़-4.78 करोड़
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2016-17 9.34 करोड़-8.65 करोड़
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2017-18 50.00 लाख-50.00 लाख
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2018-19 4.85 करोड़-4.82 करोड़
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2019-20 4.30 करोड़-3.51 करोड़
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2020-21 3.80 करोड़-3.70 करोड़
नव निर्माण पर खर्च
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2019-20 48.00 करोड़-36.00 करोड़
POSTED BY: Thakur Shaktilochan