Bihar News: भागलपुर में डीजे के शोर में बनता था अवैध हथियार, क्या नक्सलियों के लिए चल रही थी मिनी गन फैक्ट्री?

Bihar News: भागलपुर पुलिस ने दो राज्यों की एसटीएफ की मदद से एक मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा किया है. पांच अपराधियों की गिरफ्तारी की गयी है.

By ThakurShaktilochan Sandilya | September 25, 2024 10:20 AM

Bihar News: भागलपुर में मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा फिर एकबार हुआ है. कहलगांव के अमडंडा थाना क्षेत्र के चांदपुर गांव में कोलकाता एसटीएफ और भागलपुर पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर एक मिनी गन फैक्ट्री का उद्भेदन किया. पुलिस ने पांच अपराधियों को मौके पर से गिरफ्तार किया. जिसमें उस मकान का मकान मालिक भी शामिल है जिसमें यह मिनी गन फैक्ट्री चल रही थी. गिरफ्तार आरोपितों में तीन मुंगेर जिला, एक खगड़िया जिला का रहने वाला है. वहीं पुलिस नक्सली कनेक्शन और अन्य लोगों की संलिप्तता की जांच कर रही है.

मकान मालिक समेत पांच गिरफ्तार

पुलिस ने मौके से ही मकान मालिक समेत पांच अपराधियों गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार आरोपितों में आदमपुर मुंगेर निवासी महेंद्र यादव का पुत्र रंजीत यादव उर्फ बादल, मुंगेर कोतवाली थाना के शादीपुर के राजेंद्र ठाकुर का पुत्र अनूप कुमार, मुंगेर मुफसिल थाना के शिवगंज निवासी सउदी मंडल का पुत्र राजेश मंडल, खगड़िया जिले के खजौली थाना क्षेत्र के हरिपुरा गांव निवासी राजेश श्याम सिंह का पुत्र सोनू कुमार, अमडंडा थाना क्षेत्र के चांदपुर निवासी मकान मालिक महेंद्र मंडल का पुत्र शिवनंदन मंडल है. पुलिस की कार्रवाई में 15 अर्धनिर्मित पिस्टल, 10 निर्मित बैरल, एक बड़ी लेथ मशीन, एक विलिंग मनीश, एक ड्रीलिंग मशीन बरामद किये गये हैं.

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क्या है पुलिस को आशंका?

पुलिस को आशंका है कि बंगाल और बिहार में नक्सलबाड़ी आंदोलन में सक्रिय लोगों की देख-रेख में उक्त गन फैक्ट्री को संचालित किया जाता था. भागलपुर पुलिस मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता में एसएसपी आनंद कुमार ने बताया कि बाहर से रॉ-मैटेरियल मंगवाया जाता था और यहां हथियार का निर्माण कर आपूर्ति की जाती थी. पांचों गिरफ्तार अपराधियों से पुलिस सघन पूछताछ कर रही है.

नक्सली कनेक्शन के सवाल पर क्या बोले एसएसपी?

पुलिस यह जानने का प्रयास कर रही है कि मिनी गन फैक्ट्री स्थापित करने की मंशा क्या थी. हथियार की आपूर्ति कहां की जानी थी. जिन उपकरणों को स्थापित किया गया था, वे उपकरण कहां से लाये गये थे. एसएसपी ने मिनी गन फैक्ट्री के नक्सली कनेक्शन के सवाल पर कहा कि पुलिस छानबीन कर रही है. जबकि मिनी गन फैक्ट्री के संचालन में और जिन लोगों की भी भागीदारी है, पुलिस उन्हें भी चिन्हित करने का कार्य शुरू कर चुकी है. एसएसपी ने बताया है कि संगठित अपराध के खिलाफ पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. कार्रवाई में कोलकाता एसटीएफ, बिहार एसटीएफ और भागलपुर पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई की.

डीजे पर गाना बजा कर होता था हथियार का निर्माण

चांदपुर में जिस जगह पर मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा हुआ है, वहां पर आसपास में आबादी है. लेकिन मिनी गन फैक्ट्री के अस्तित्व में होने की किसी को खबर नहीं थी. स्थानीय लोगों ने पुलिस को बताया कि वे लोग खुद अचंभित हैं कि यहां पर इस तरह का काम कैसे हो सकता है. वे लोग बस इतना जानते हैं कि अक्सर रात के समय में तेज आवाज में डीजे बजाया जाता था. भागलपुर के एसएसपी आनंद कुमार ने बताया कि ड्रिलिंग मशीन, विलिंग मशीन और लेथ मशीन से काम किये जाने पर काफी आवाज होता है. इस आवाज से लोगों का ध्यान हटाने के लिए अपराधियों द्वारा साउंड सिस्टम पर तेज आवाज में गाना बजाया जाता था. मशीन की आवाज गाने की तेज आवाज में दब जाती थी. आशंका है कि लंबे समय से संगठित और सुनियोजित तरीके से उक्त स्थल पर हथियार बनाने का काम चल रहा था.

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