भागलपुर में ट्रैफिक सिग्नल बंद पर कैमरा चालू, काटे जा रहे चालान और हो रही वसूली

भागलपुर शहर में ट्रैफिक सिग्नल तो लग गए लेकिन सात सिग्नल को चालू करने की पुलिस-प्रशासन ने अनुमति नहीं दी. लेकिन इन चौराहों पर कैमरे चालू हैं और इनसे चालान भी काटा जा रहा

By Anand Shekhar | May 10, 2024 6:10 AM
an image

भागलपुर शहर में ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर (आइसीसीसी) बिल्डिंग के निर्माण से साढ़े सात गुना ज्यादा खर्च इसके सॉफ्टवेयर पर हुआ है. बावजूद, इसके 16 में नौ जगहों के सिग्नल ही एक्टिव हैं. सात सिग्नल को चालू करने का पुलिस प्रशासन ने अनुमति नहीं दी. स्मार्ट सिटी कंपनी ने सभी सात जगहों के सिग्नल काे बंद रखा है. इसकी उपयोगिता शून्य है.

स्मार्ट सिटी ने शहर में विकास के बड़े दावे किए थे, लेकिन यह खोखला साबित हो रहा है और लोगों को सुविधा की जगह परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यही नहीं, कुछ जगहों में कचहरी चौक, घूरनपीर बाबा चौक, आदमपुर चौक व घंटाघर चौक के सिग्नल चालू रहने के बाद उसको जबरन बंद करा दिया गया.

इधर, पुलिस प्रशासन का ट्रैफिक रेगुलेट पर कम, वसूली पर ज्यादा फोकस है. यही कारण है कि जो सिग्नल बंद हैं, वहां भी कैमरे के जरिए ऑनलाइन चालान काट कर वसूली की जा रही है. चाहे कितना भी उस चौक पर जाम क्यों न लगा रहे, इससे उनको कोई फर्क नहीं पड़ता है. ऐसे चौराहे जहां का सिग्नल बंद है और कैमरे को चालू रखा है, वहां ट्रैफिक की बेतरतीब व्यवस्था है. आइसीसीसी बिल्डिंग के निर्माण पर 31.59 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं, तो इसके सॉफ्टवेयर पर 234.71 करोड़ रुपये

सिर्फ यहां का सिग्नल है चालू

  • जीरोमाइल
  • तिलकामांझी
  • भीखनपुर गुमटी नंबर-3
  • शीतला स्थान चौक
  • गुड़हट्टा चौक
  • अलीगंज
  • तातारपुर
  • चंपापुल
  • कोतवाली चौक

यहां चालू रहने पर भी करा दिया बंद

  • आदमपुर
  • मनाली
  • कचहरी चौक
  • घंटाघर

यहां चालू करने का नहीं दिया परमिशन

  • मनाली चौक
  • आदमपुर चौक
  • खलीफाबाग चौक
  • घंटाघर चौक
  • कचहरी चौक
  • कोयला डिपो
  • भागलपुर स्टेशन चौक

10 हजार वाहनों का आवागमन, ट्रैफिक कंट्रोल में नहीं

शहर का सबसे व्यस्त मार्ग कचहरी चौक चौराहा है. इससे घंटाघर, भीखनपुर व मनाली चौक का मार्ग सीधे जुड़े हुए हैं. दिन भर में करीब 10 हजार वाहन गुजरते हैं. चौराहे पर आए दिन वाहनों की भिड़ंत होती है. इस चौराहे पर ट्रैफिक कंट्रोल के लिए स्मार्ट सिटी ने सिग्नल लगाए थे, लेकिन अभी इनका उपयोग ट्रैफिक कंट्रोल में नहीं हा़े रहा है. यही हाल डिक्सन मोड़ व स्टेशन चौक की है.

कैमरे में नहीं लगा सोलर प्लेट, बिजली कट तो कैमरा ठप

तय यह हुआ था कि प्रमुख चौराहों के कैमरे में सोलर प्लेट लगाने की, ताकि बिजली की लंबी कटौती पर भी यह काम करता रहे. इससे शहर की निगरानी में बाधक नहीं बनेगी, लेकिन अब तक यह लगा नहीं है. पहल भी नहीं की जा रही है. विसर्जन शोभायात्रा या लाइन में फाल्ट आने पर बिजली की लंबी कटौती के समय बैकअप के बाद कैमरा बंद हो जाता है.

उठ रहे सवाल, स्मार्ट सिटी से सिग्नल लगा सकता है, तो बाकी योजनाओं पर काम क्यों नहीं ?

लोगों के लिए आज भी यह सवाल अनसुलझा है कि स्मार्ट सिटी से दक्षिणी व पश्चिमी शहर में ट्रैफिक सिग्नल लग सकता है, तो बाकी योजनाओं पर काम क्यों नहीं हो सकता है. इस पर कंपनी ने स्पष्ट किया है कि स्मार्ट सिटी में दो स्तर पर काम हुआ है. पहला एरिया बेस्ड डेवलपमेंट (एबीडी), तो दूसरा पैन सिटी. एबीडी को कोर एरिया का नाम दिया गया है. इसके तहत एनएच-80 से गंगा किनारे तक के इलाके को रखा गया है. कोर एरिया में वार्ड 18 से 23 तक के क्षेत्र शामिल किए गये हैं. दूसरा है पैन सिटी प्रोजेक्ट. इसके तहत जो योजनाएं है, उन्हें पूरे शहर में क्रियान्वित किया गया है. इसके तहत सिग्नल लगा है.

Also Read: गया के ANMMCH में 32 बेड का PICU बनकर हुआ तैयार, हैंडओवर में फंसा पेंच

Exit mobile version