यूटीएस ऑन मोबाइल एप से जेनरल टिकट बनाने की 20 किलोमीटर की सीमा हटी

यूटीएस ऑन मोबाइल एप से जेनरल टिकट बनाने की 20 किलोमीटर की सीमा हटी

By Prabhat Khabar News Desk | May 20, 2024 9:36 PM

– यूटीएस ऑन मोबाइल एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं. वरीय संवाददाता, भागलपुर यदि आपका घर रेलवे स्टेशन से दूर है और काउंटर से टिकट खरीदने के चक्कर में आपकी ट्रेन छूट सकती है तो पूर्व रेलवे आपके लिए एक समाधान लेकर आया है. अब चाहे घर स्टेशन से कितनी भी दूर क्यों न हो, आप यूटीएस ऑन मोबाइल एप के माध्यम से घर बैठे टिकट बुक कर सकते हैं. ट्रेनों की सामान्य श्रेणी में यात्रा को आसान बनाने के लिए यूटीएस ऑन मोबाइल एप में एक अहम बदलाव किया गया है. इस बदलाव के परिणामस्वरूप, यात्री अब कहीं से भी अपने गंतव्य के लिए टिकट प्राप्त कर सकते हैं, जबकि पहले इस एप पर 20 किमी की सीमा थी. यानी अगर कोई यात्री किसी स्टेशन से 20 किमी के दायरे में है, तभी वह यूटीएस ऑन मोबाइल ऐप पर टिकट बुक कर सकता है. यह सीमा अब हटा दी गयी है. अब यात्री कहीं से भी टिकट खरीद सकते हैं. यूटीएस ऑन मोबाइल एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं. स्टेशन परिसर में एप से नहीं बनेगा टिकट : यदि कोई यात्री प्लेटफॉर्म पर है या ट्रेन में यात्रा कर रहा है, तो वह यूटीएस ऑन मोबाइल एप का उपयोग करके ऑनलाइन टिकट बुक नहीं कर पायेगा. यह कदम बिना टिकट रेल यात्रा को रोकने के लिए उठाया गया है. ऑनलाइन माध्यम, पेपरलेस टिकटिंग, डिजिटल क्रांति को आगे बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण में योगदान देने के लिए रेलवे की ओर से यह एक विशेष प्रयास है. बेटिकट यात्रियों की संख्या होगी कम : यूटीएस ऑन मोबाइल एप से बेटिकट यात्रियों की संख्या कम होगी. कई बार टिकट काउंटर पर भीड़ या स्टेशन पहुंचने में विलंब के कारण लोग टिकट नहीं कटा पाते हैं. पूर्व रेलवे प्रशासन के अनुसार पूर्वी रेलवे ने लोकल ट्रेनों में यात्रा के लिए यूटीएस टिकट और छोटी यात्रा टिकट खरीदने के लिए अच्छी सुविधा दी है. अप्रैल 2024 के महीने में, पूर्वी रेलवे ने बिना टिकट यात्रियों या बिना बुक किये सामान के साथ यात्रा करने के 1.863 लाख मामले पकड़े हैं, जबकि अप्रैल 2023 में 1.721 लाख मामले पकड़े गये थे. इस तरह के टिकट चेकिंग अभियान चलाने का मुख्य उद्देश्य जुर्माना लगाकर रेलवे के लिए राजस्व उत्पन्न करना नहीं है, बल्कि लोगों में बिना टिकट यात्रा के खतरों के बारे में जागरूकता पैदा करना है.

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