भागलपुर लोकसभा से राजद के पूर्व सांसद शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल ने राजद की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. बुलो मंडल ने राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद को अपना इस्तीफा भेज दिया. वहीं बुलो मंडल गुरुवार को जदयू में शामिल हो गए. पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, मंत्री विजय चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा समेत पार्टी के अन्य दिग्गज नेताओं के सामने उन्होंने जदयू की सदस्यता ली. सीएम नीतीश कुमार भी इस दौरान मौजूद रहे. बुलो मंडल के साथ ही राजद के कई अन्य कार्यकर्ता भी जदयू में शामिल हुए.
बुलो मंडल जदयू में हुए शामिल
बुलो मंडल ने राजद से इस्तीफे और जदयू में शामिल होने के फैसले की पुष्टि बुधवार को ही कर दी थी. उन्होंने कहा था कि वे गुरुवार को राजद छोड़ने के कारणों का खुलासा करेंगे. बुलो मंडल ने राजद छोड़ने की वजह बतायी और कहा कि लालू यादव की जो पुरानी राजद थी, वो अब नहीं रही. पार्टी का आंतरिक लोकतंत्र अब पूरी तरह से समाप्त हो चुका है. अब हम लोगों को कहीं तो राजनीत करना है. समाज से जुड़े हैं तो उन लोगों का काम तो करना है.
सीएम नीतीश कुमार की तारीफ की..
बुलो मंडल ने जदयू का दामन थामने के बाद कहा कि नीतीश कुमार लंबे समय से यहां मुख्यमंत्री हैं. जब कटाव का काम वर्ष 2006-07 में हो रहा था तब मेरे अनुरोध पर सीएम ने मेरे यहां कार्यक्रम किए थे. हम तब विपक्ष में थी. उनकी विनम्रता और तत्परता का जिक्र करते हुए बुलो मंडल ने तब सीएम के योगदान की तारीफ की.
राजद छोड़ने की वजह बताए..
बुलो मंडल ने ललन सिंह से मिली मदद का भी जिक्र किया. बांध निर्माण से जुड़ी बातें बतायी. उन्होंने कहा कि राजद को मेरी जरूरत अब नहीं रह गयी है. मेरे जैसे लोग की अब वहां जरूरत नहीं है. जदयू में अब काम करने वाली टीम है. बिहार आगे बढ़ रहा है. इसलिए सब चीजों को देखते हुए मैंने आज जदयू ज्वाइन किया है.
कौन हैं बुलो मंडल..
बता दें कि राजद के भीतर बुलो मंडल की गिनती अति पिछड़ी जाति के प्रमुख नेताओं में होती रही है. वे पूर्व में विधायक भी रहे हैं. भागलपुर संसदीय सीट पर बुलो मंडल को जब लोकसभा चुनाव 2014 में राजद ने अपना प्रत्याशी बनाया था तो प्रचंड मोदी लहर के बीच भी इस सीट पर राजद उम्मीदवार बुलो मंडल ने भाजपा के शाहनवाज हुसैन को सीधी टक्कर में मात दी थी और सांसद बने थे. वहीं 2019 के चुनाव में जदयू के अजय मंडल से राजद उम्मीदवार बुलो मंडल की हार हुई थी.