Bhagalpur: 10 वर्ष पहले कितने लोगों को कहां बसाया, अंचल कार्यालय को पता नहीं, फाइल की खोज जारी

Bhagalpur: बिहार के राज्य सूचना आयुक्त ने शाहकुंड के अंचल अधिकारी को अभियान बसेरा से संबंधित कागजात उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. प्रथम अपीलीय प्राधिकार को भी निर्देश दिया गया है कि मामले से संबंधित एक रिपोर्ट उपलब्ध करायें.

By Paritosh Shahi | November 2, 2024 7:00 AM
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Bhagalpur: सरकारी दफ्तर कुछ इस तरह भी चलता है. 10 वर्ष पहले कितने लोगों को बसाया. कहां पर बसाया. किन लोगों को बसाया. ऐसे सवालों के जवाब शाहकुंड अंचल कार्यालय के पास नहीं हैं. फाइल की खोज जारी है. वर्ष 2012-13, 2013-14 और 2014-15 में अभियान बसेरा के अंतर्गत महादलितों को दी जानेवाली तीन-तीन डिसमिल जमीन से यह मामला जुड़ा है. इसकी फाइल से जुड़ी जानकारी की तलब वर्ष 2014 में ही की गयी थी. लेकिन शाहकुंड अंचल कार्यालय इस बारे में कुछ नहीं बता पाया. अब जाकर शाहकुंड अंचल कार्यालय कार्यवाहक लिपिक व अभिलेखागार के जानकार संविदा लिपिक ईश्वर लाल यादव व एक शिक्षित मजदूर राम प्रकाश तांती को फाइल खोजने के लिए प्रतिनियुक्त किया. लेकिन गहन खोजबीन के बाद भी संबंधित अभिलेख व पंजी नहीं मिल सका. फाइल खोजने के लिए प्रतिनियुक्त लिपिक ने अतिरिक्त समय की मांग की है. अंचल कार्यालय ने कहा है कि खोज जारी है.

कागजात उपलब्ध कराने का आयुक्त ने दिया निर्देश

बिहार के राज्य सूचना आयुक्त ने शाहकुंड के अंचल अधिकारी को अभियान बसेरा से संबंधित कागजात उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. प्रथम अपीलीय प्राधिकार को भी निर्देश दिया गया है कि मामले से संबंधित एक रिपोर्ट उपलब्ध करायें. आयुक्त ने कहा है कि यदि सीओ या प्रथम अपीलीय प्राधिकार इस संदर्भ में किसी अन्य पदाधिकारी या कर्मचारी को दोषी समझते हैं, तो प्रमाण के साथ अपने उत्तर में इसका उल्लेख करें.

दरअसल वर्ष 2012-13, 2013-14 और 2014-15 में अभियान बसेरा से संबंधित सूचना शाहकुंड अंचल कार्यालय से सूचना अधिकार कार्यकर्ता अजीत कुमार सिंह ने 16.08.2014 को मांगी थी. इसमें जमीन का ब्योरा, लगान भुगतान, लाभुकों का कबूलनामा आदि से संबंधित सूचनाएं मांगी गयी थीं. इन 10 वर्षों में सूचना उपलब्ध नहीं करायी गयी. इसके बाद इस मामले की सुनवाई राज्य सूचना आयोग में चल रही है.

रंगराचौक व इस्माइलपुर से भी नहीं मिल रही जानकारी

रंगराचौक व इस्माइलपुर अंचल कार्यालय भी पिछले 10 वर्षों से यह नहीं बता पाया है कि 2012-13, 2013-14 और 2014-15 में अभियान बसेरा के तहत कितने लाभुकों को जमीन दी गयी है. कितने लाभुकों को जमीन नहीं मिली है. कितने लाभुकों का परवाना रद्द किया गया है. यह भी जानकारी नहीं दे पाया है कि उक्त अभियान के मद में सरकार ने कितनी राशि दी. शिकायतकर्ता को भी राज्य सूचना आयुक्त ने निर्देश दिया है कि वे उस पदाधिकारी या कर्मचारी का नाम व वर्तमान पता से संबंधित स्पष्ट प्रतिवेदन दें, जिनके विरुद्ध शिकायत की गयी है. शिकायत को प्रमाणित करने के लिए साक्ष्य भी मांगा गया है. रंगराचौक व इस्माइलपुर के मामले में 18 नवंबर को सुनवाई होगी.

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