Bhagalpur: अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय के छात्रों ने कॉलेज प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाये हैं. छात्रों ने शिक्षकों पर इंटरनल परीक्षा में कम अंक देने की धमकी देने, छात्रों को फॉर्म भरने से रोकने और निजी बीएड कॉलेज के छात्रों की तुलना में कम अंक दिये जाने का आरोप लगाया है. वहीं, अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ मीनाक्षी चतुर्वेदी ने बातचीत में आरोपों को निराधार बताया है.
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छात्र अभिषेक कुमार झा, अमित राज, अभिषेक कुमार, विकास कुमार, गोविंद कुमार, मनीष कुमार, सोनू सहित अन्य छात्रों ने कहा किसी बात को लेकर शिक्षकों से पूछा जाता है. छात्र अपनी बात को रखते हैं. ऐसे में यहां कि शिक्षक इंटरनल परीक्षा में कम अंक देने का धमकी देते हैं. छात्रों का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन अपने कुछ खास छात्रों को इंटरनल में अधिक नंबर दिये जाते हैं. छात्रों ने कहा कि द्वितीय वर्ष में इंटरनल परीक्षा होना है. ऐसे में डर लगा है कि शिक्षक इंटरनल परीक्षा में कम अंक दे सकते हैं.
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बीएड के छात्रों ने बताया कि प्रथम और द्वितीय वर्ष के कुल 27 छात्रों को परीक्षा फॉर्म भरने से रोक दिया गया है. कॉलेज प्रशासन का कहना है कि क्लास में मानक से हाजिरी कम है. छात्रों ने आरोप लगाया कि कॉलेज प्रशासन अपने नजदीकी छात्रों को हाजिरी कम होने पर भी फॉर्म भराया है. प्राचार्य डॉ चतुर्वेदी ने कहा कि मुख्यालय से स्पष्ट निर्देश है कि 60 फीसदी क्लास में हाजिरी छात्रों का अनिवार्य है. इससे कम होता है, तो परीक्षा फॉर्म भरने नहीं दिया जाये. कॉलेज प्रशासन मुख्यालय के निर्देश का पालन कर रहा है.
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छात्रों ने कहा कि निजी बीएड कॉलेजों के छात्रों की तुलना में सरकारी छात्रों को कम अंक दिये जाते है. मामले को लेकर कॉलेज प्रशासन से बात की जाती है. कॉलेज प्रशासन का कहना है कि जितना लिखेंगे, उतना ही नंबर दिया जायेगा. जबकि, बीएड नामांकन प्रवेश परीक्षा में अच्छा अंक आने पर ही उनलोगों का सरकारी बीएड कॉलेज में नामांकन हुआ है. कम अंक दिये जाने से उनलोगों का नियोजन शिक्षक में नहीं हो पायेगा.
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सवाल : छात्रों द्वारा कॉलेज प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाये जा रहे.
प्राचार्य : आरोप निराधार व गलत है. कॉलेज नियम-कानून से चलता है. नियम का पालन नहीं करने पर आरोप ही लगाया जाता है.
सवाल : इंटरनल परीक्षा में कम अंक दिये जाने का दबाव छात्रों पर बनाया जाता है.
प्राचार्य : छात्र जैसे असाइनमेंट लिखेंगे, उसी तरह से अंक दिये जाते हैं. सबके लिए नियम एक समान है. पूर्व में क्या होता रहा है, वह अब नहीं चलेगा.
सवाल : छात्र धरने पर बैठे हैं, कॉलेज प्रशासन वार्ता नहीं कर रहा.
प्राचार्य : छात्रों से कहा गया था कि ड्रेस में आयें, तभी मामलों में वार्ता होगी. लेकिन, छात्र ड्रेस में नहीं आये. मीडियावालों को बुला लिया.
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अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ राकेश कुमार ने कहा है कि कॉलेज प्रशासन व छात्रों के बीच बेहतर तालमेल होने की जरूरत है. कॉलेज में पढ़ाई कर छात्र भविष्य में शिक्षक बनेंगे. ऐसे में छात्रों को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए. कोई समस्या आये, तो सकारात्मक माहौल में वार्ता हो. समस्या का निदान निकल जायेगा.