गंगा व अन्य नदियों में आयी बाढ़ के कारण कहलगांव, पीरपैंती, सुल्तानगंज मार्ग का आवागमन अवरुद्ध होने के कारण शहर में बिल्डिंग मेटेरियल आना कम हो गया. इस कारण शहर में बन रहे दर्जन भर से अधिक अपार्टमेंट का काम रूक गया. अपार्टमेंट निर्माण में काम कर रहे सैकड़ों मजदूरों को काम मिलना बंद हो गया और वे बेकार हो गये हैं.
क्रेडाई के अध्यक्ष आलोक अग्रवाल ने बताया कि अधिकतर ईंट घोघा व पीरपैंती की ओर से आते हैं. आवागमन बाधित होने से बिल्डिंग मेटेरियल आना बहुत कम हो गया. चानन व अन्य नदियों में पानी भर जाने के बाद बालू भी मिलना कम हो गया.
रजौन नवादा से आये जगदीश तांती ने बताया कि यहां पर कई महीने से काम करने आते हैं. चूंकि अभी उनके क्षेत्र में पहले सुखाड़ की स्थिति थी, फिर बारिश हुई तो 70 प्रतिशत खेती हाे पायी. पहले बारिश ने दगा दिया और अब बाढ़ के कारण भागलपुर में निर्माण कार्य ठप हो गया. अधिकतर मजदूर बेरोजगार हैं. बाढ़ आ जाने पर यहां से कई दिन लौटना पड़ा. संयोग ठीक रहा तो किसी के घर में छोटे-मोटे काम पर उन्हें कभी-कभार काम भी मिल जाता है, इसी सोच से वे घर में बैठे नहीं रह कर यहां साइकिल से आ जाते हैं. जगदीशपुर के नीलेश बैठा ने बताया कि बाढ़ के कारण अब उन्हें अपार्टमेंट में काम नहीं मिल रहा है. उनका घर पास होने की वजह से वे यहां पर आ जाते हैं. मजदूरों का यह भी कहना है कि बाढ़ क्षेत्रों के भी आधे से अधिक मजदूर होते थे, जो अपने घर-बार में फंसे हैं. इससे उन्हें इस परिस्थिति का फायदा मिल जाये, लेकिन अभी काम ही नहीं बचा है. अधिकांश चौक पर सुबह नौ बजे तक मजदूरों की भीड़ बनी ही रहती है, जबकि यह भीड़ सुबह सात बजे वाली भीड़ से कम ही है. उनका कहना है कि मजदूरों के इस भीड़ में इक्का-दुक्का मजदूरों को ही काम मिल पाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है