Raksha Bandhan: भागलपुर में युवाओं को भा रही नजराना राखी, तो विवाहित महिलाओं में पेयर सेट की डिमांड
रक्षाबंधन का त्योहार 19 अगस्त को मनाया जाएगा. ऐसे में राखी की खरीददारी के लिए बाजरों में चहल-पहल बढ़ गई. भागलपुर के बाजरों में इस बार कई तरह की राखियां नजर आ रही हैं. जिनकी कीमत 10 रुपए से शुरू होकर 1000 रुपए तक है.
Raksha Bandhan: रक्षाबंधन को लेकर भागलपुर के बाजारों में काफी चहल-पहल है. राखी की दुकानों से लेकर गिफ्ट शॉप तक की रौनक देखते ही बन रही है. बाजार में हर तरफ राखियां ही राखियां नजर आ रही हैं. बच्चों को रंग-बिरंगी लाइट वाली राखियों के साथ-साथ कार्टून कैरेक्टर छोटा भीम और डोरेमोन वाली राखियां खूब भा रही हैं, वहीं युवाओं को अमेरिकन डायमंड वाली नजराना राखियां खूब पसंद आ रही हैं, वहीं विवाहित महिलाओं में पेयर सेट की मांग है.
राखी से औसत पांच करोड़ के कारोबार की उम्मीद
राखी कारोबारियों की मानें तो भागलपुर में 40 थोक राखी कारोबारी हैं, तो 200 छोटे-बड़े कारोबारी है. थोक राखी कारोबारी डेढ़ माह में प्रतिदिन 10-10 लाख रुपये का कारोबार करते हैं. ऐसे में औसत पांच करोड़ का कारोबार केवल राखी से होने की उम्मीद है. कारोबारियों ने बताया कि यहां की राखी की मांग खगड़िया, मुंगेर, बेगूसराय, गोड्डा, धनबाद, देवघर, बांका आदि के बाजार के छोटे कारोबारी करते हें, जबकि यहां भी कोलकाता के बाजार से राखी मंगायी जाती है.
बच्चों को भा रहा कार्टून कैरेक्टर राखी
बच्चों को कार्टून कैरेक्टर, जैसे टेडी वियर, बार्बी डॉल, स्पाइडर मेन, छोटा भीम, डोरेमोन, मिक्की माउस, कृष्णा राखी पसंद है. बाजार में बच्चाें के लिए बटर फ्लाई, म्यूजिकल राखी व लाइट राखी आयी है, जिसकी मांग बढ़ती जा रही है.
300 तक की आती है नजरिया राखी, तो व्हाइट मेटल राखी 50 से 100 रुपये तक
राखी कारोबारी रितेश धर्मानी ने बताया कि इस बार भी स्टोन व ब्रेसलेट राखी की मांग कम नहीं हुई है. इसके साथ नजराना राखी नयी आयी है, जो कि जरकन वर्क के साथ आयी है. इसमें अमेरिकन डायमंड से सजायी गयी है. यह 300 रुपये तक में उपलब्ध है.
राखी का प्रकार | कीमत (रुपये में) |
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अमेरिकन डायमंड राखी | 300 तक |
स्टोन राखी | 10 से 250 |
बच्चों की राखी | 3 से 75 |
लाइट राखी | 20 से 120 |
फैंसी राखी | 10 से 100 |
ब्रेसलेट राखी | 50 से 400 |
चांदी की राखी | 600 से 1000 |
पंडित जी के धागे वाली राखी का प्रचलन घटा
राखी कारोबारी मनीष कुमार ने बताया कि पहले लोगों में अपनी धार्मिक संस्कृति के प्रति अधिक लगाव होता था. आज उपभोक्तावाद की संस्कृति में लोगों को मुनाफा और नुकसान से मतलब बढ़ गया है. ऐसे में पंडित जी से कच्चे धागे बंधवाने के लिए किसी के पास समय नहीं है, वहीं पंडित जी के पास भी समय नहीं है कि थोड़े से दक्षिणा के लिए दूर-दूर तक घूम-घूमकर लोगों को राखी बांधे.
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चंदन, रुद्राक्ष व स्वास्तिक राखी का रुझान
चंदन, रुद्राक्ष व स्वास्तिक राखी की मांग भी हाल के दिनों में बढ़ी है. रंग-बिरंगी मोती व मूंगा राखी भी लोगों को खूब भा रही है.
महिलाओं के लिए लुम्बा राखी का प्रचलन
महिलाओं के लिए रक्षाबंधन में लुम्बा राखी का प्रचलन है. इसमें लटकने वाला फूल रहता है. इसके अलावा छकलिया राखी का भी प्रचलन बढ़ा है. राखी पैकिंग के लिए डिजाइनर पैक 20 से 50 रुपये तक बिक रहे हैं.