नकली जर्दालू पर रोक लगाने के लिए भागलपुरी जर्दालू उत्पादक संघ चलायेगा अभियान
कृषि विभाग की देखरेख में बनाये गये भागलपुरी जर्दालू उत्पादक संघ की चिंता बढ़ गयी है. ऐसे में निर्णय लिया कि उपभोक्ताओं को जागरूक करके नकली जर्दालू से सावधान होने की अपील की जायेगी. इतना ही नहीं डीएम से मिल कर इस पर रोक लगाने की मांग की जायेगी.
पूरी दुनिया में भागलपुरी जर्दालू की पहचान है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में डिमांड भी होने लगी है. इसके विपरीत भागलपुर बाजार में ही बंगाल से जर्दालू सा दिखने वाला आम आ गया है, जिसे दुकानदार जर्दालू आम के नाम से बेच रहे हैं. इसे लेकर कृषि विभाग की देखरेख में बनाये गये भागलपुरी जर्दालू उत्पादक संघ की चिंता बढ़ गयी है. ऐसे में निर्णय लिया कि उपभोक्ताओं को जागरूक करके नकली जर्दालू से सावधान होने की अपील की जायेगी. इतना ही नहीं डीएम से मिल कर इस पर रोक लगाने की मांग की जायेगी.
मालूम हो कि सोमवार को प्रभात खबर में नकली जर्दालू बिकने की खबर प्रकाशित की गयी. इसके बाद संगठन ने ऐसा निर्णय लिया. भागलपुरी जर्दालू उत्पादक संघ के अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा कि लंबे प्रयास के बाद भागलपुरी जर्दालू को 2018 में जिओग्राफिकल इंडिकेशन (जीआई) टैग मिला. 2007 से लगातार जर्दालू आम को राष्ट्रपति व अन्य विशिष्ट लोगों के लिए भागलपुर से सौगात भेजी जाती है. ऐसे में यदि जर्दालू के नाम पर नकली आम भागलपुर बाजार में ही आता है, तो यह अनुचित है. इससे भागलपुरी जर्दालू का ब्रांड खराब होगा. उपभोक्ताओं के बीच जर्दालू की लोकप्रियता खराब होगी.
——–
दो दिन के अंदर डीएम से मिलकर करेंगे शिकायतयह है असली जर्दालू की पहचान
कृष्णानंद सिंह ने बताया कि इस आम का वजन लगभग 250-300 ग्राम होता है. जर्दालु आम छोटे से मध्यम आकार के होते हैं. आम ऊपर और नीचे से थोड़ा चपटा होता है. इसका रंग हरा-पीला होता है, जो फल के पकने पर सुनहरे पीले रंग में बदल जाता है. अपने स्वादिष्ट स्वाद के अलावा जर्दालु आम विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट से भी भरपूर होते हैं. जर्दालू आम का गूदा नरम, रसदार और रेशे रहित होता है. जर्दालु आम में एक मीठी सुगंध होती है जो आम की अन्य किस्मों से अलग होती है. गूदा नरम और मलाईदार होता है और इसका स्वाद मीठा होता है. यह आम उन लोगों के लिए भी एक सुरक्षित फल माना जाता है जिन्हें मधुमेह है या जिनका पाचन तंत्र खराब है.
अब तक इंग्लैंड, दुबई, श्रीलंका, नेपाल, बांग्लादेश आदि में हो चुका है निर्यातसुलतानगंज के आम किसान मनीष सिंह ने बताया कि जर्दालू आम का निर्यात अब तक इंग्लैंड, दुबई, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान आदि देशों में किया जा चुका है. इसके अलावा अन्य देशों में जर्दालू आम की डिमांड है. लगातार आम के उत्पादन व निर्यात को बढ़ावा दिया जा रहा है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है