अंगिका के आदिकवि सरहपाद की जन्मभूमि भागलपुर के रानीपुर दियारा-अनादिपुर रही है, जिसे स्वीकारते हुए सरकार को इसकी खोजबीन करनी चाहिए. उक्त बातें अध्यक्ष प्रो मधुसूदन झा ने गुरुवार को नाथनगर स्थित मंच के केंद्रीय कार्यालय में अखिल भारतीय अंगिका साहित्य कला मंच के बैनर तले हुए सरहपाद की 1291वीं जयंती कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कही. मंच के उपाध्यक्ष डॉ ब्रह्मदेव नारायण सत्यम ने कहा कि यह अंग महाजनपद का सौभाग्य है कि सरहपाद जैसे सिद्ध का अवतरण इस धरती पर हुआ. विशिष्ट अतिथि डॉ राजेंद्र प्रसाद मोदी ने कहा कि साहित्यिक जगत में सिद्ध सरहपाद की कीर्ति सदा दैदिप्यमान रहेगी. वहीं, गीतकार राजकुमार ने कहा कि सिद्ध सरहपाद सर्वहितकारी सहजयान व चतुर्शरण मंत्र देकर लोगों के कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया. मौके पर देवेश कुमार, ललिता कुमारी, बबिता कुमारी, रोशन कुमार बर्णवाल, अनिल कुमार, नरेशचंद्र दास, आनंद कुमार, मंटू कुमार, रितेश कुमार, भगवती देवी आदि मौजूद थे.
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