मोटे अनाज की खेती के लिए भागलपुर की मिट्टी उपयुक्त, बढ़ावा देने की जरूरत
भागलपुर की मिट्टी बहुत ही उर्वर है. यह मोटे अनाज के उत्पादन के लिए भी उपयुक्त है. मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने की जरूरत है.
भागलपुर की मिट्टी बहुत ही उर्वर है. यह मोटे अनाज के उत्पादन के लिए भी उपयुक्त है. मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने की जरूरत है. खासकर, सुल्तानगंज क्षेत्र में मोटा अनाज के उत्पादन को बढ़ावा मिले. किसानों को बाजार की मांग को ध्यान में रखकर समय के साथ बदलना होगा. खेती को लाभकारी बनाने के लिए पारंपरिक खेती की जगह यांत्रिक खेती को आत्मसात करना होगा. कम समय में बेहतर उत्पादन कर पायेंगे. उक्त बातें जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी ने शुक्रवार को जिलास्तरीय किसान मेला-सह-उद्यान, पशु एवं मत्स्य प्रदर्शनी प्रतियोगिता के दूसरे दिन कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन करते हुए कही. जिलाधिकारी ने उद्यान विभाग के पदाधिकारी को भागलपुर में उद्यानिक फसलों की खेती का रकवा बढ़ाने को कहा. केला, लीची, बेल, बेर, स्ट्रॉबेरी, अमरूद आदि की खेती के लिए भी भागलपुर को उपयुक्त बताया है. जिलाधिकारी ने जिला कृषि पदाधिकारी और बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर से समन्वय कर विश्वविद्यालय को ऐसा संपूर्ण आहार तैयार कराने को कहा, जिसके सेवन से सभी पोषक तत्व मिल सके. इससे पहले मेला का उद्घाटन जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के प्रसार शिक्षा के निदेशक डॉ आरके साेहाने, बाल श्रमिक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष राजीव कांत मिश्रा, जिला कृषि पदाधिकारी सह आत्मा के परियोजना निदेशक अनिल कुमार यादव, उप परियोजना निदेशक प्रभात कुमार सिंह, जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ अंजली कुमारी सिन्हा, जिला मत्स्य पदाधिकारी कृष्ण कन्हैया ने संयुक्त रूप से किया. ब्रोमैटो पौधा, ब्राउन राइस, रंग-बिरंगे बेर बना आकर्षण का केंद्र मेला में ब्रोमैटो पौधा जिसमें एक ही पेड़ में बैगन व टमाटर की डाल जुड़ा था, ब्राउन राइस, रंग-बिरंगे बेर आदि आकर्षण का केंद्र रहा. सुल्तानगंज के मनीष सिंह ने बताया कि ब्राउन कतरनी राइस व्हाइट राइस से अधिक पौष्टिक होता है. जिला कृषि पदाधिकारी अनिल यादव ने अतिथियों का स्वागत किया. आत्मा, भागलपुर द्वारा प्रकाशित स्मारिका एवं वार्षिक केलेंडर का लोकार्पण किया गया. बिहार कौशल विकास मिशन अन्तर्गत आरपीएल के प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को प्रमाण-पत्र बांटा गया. शिक्षाविद राजीव कांत मिश्रा ने कहा कि किसानों के अथक प्रयास से अंग प्रदेश कृषि प्रधान है. यहां की कतरनी व जर्दालू आम जीआई टैग प्राप्त है. इन उत्पादों का निर्यात विदेशों तक हो रहा है. मेला में बैगन, सेम, बैगन एवं टमाटर की मिश्रित प्रजाति (ब्रोमैटो) की प्रशंसा की. उप परियोजना निदेशक प्रभात कुमार सिंह ने कहा कि किसान मेला में मशरूम उत्पादन के लिए महिला किसानों को प्रेरित किया जा सकता है. व्यवसायिक मशरूम उत्पादन एवं आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में पहल हो सकती है. कहा गया कि कहलगांव की प्रगतिशील किसान शीला कुमारी मशरूम लेडी बन गयी है. रबी फसल प्रबंधन विषय पर किसान गोष्ठी का आयोजन हुआ. कृषि के उन्नत तकनीक को लोकगीत के माध्यम से पीरपैंती के विक्रम कुमार सिंह ने बताया. आज उत्कृष्ट खेती को लेकर किसान होंगे सम्मानित उप परियोजना निदेशक, आत्मा, भागलपुर श्री सिंह ने बताया कि 18 जनवरी को किसान मेला में प्रदर्श प्रतियोगिता में भाग लेने वाले किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र, सबौर एवं बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, तथा जिला उद्यान पदाधिकारी के संयुक्त उद्यान प्रदर्श के मूल्यांकन के अनुसार उत्कृष्ट किसानों को प्रथम, द्वितीय व तृतीय एवं सांत्वना पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा. जबकि पशु प्रतियोगिता से संबंधित विभाग के नामित पदाधिकारी द्वारा मूल्यांकित सर्वश्रेष्ठ प्रदर्श लाने वाले किसानों को प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं सांत्वना पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा.
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