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EXCLUSIVE: IIT के मास्टर में चमका भागलपुर का सूर्य, विज्ञान व तकनीक के क्षेत्र में हासिल किए हैं कई मेडल

टॉप रैंकिंग के साथ भागलपुर के सूर्य प्रताप सिंह को आईआईटी की मास्टर डिग्री में सफलता मिली है. 2006 में, सेंट एंड्रयूज स्कूल में कक्षा नौ के छात्र रहते हुए उन्होंने एक डिजिटल वोटिंग मशीन विकसित की थी

By Anand Shekhar | May 28, 2024 6:10 AM

दीपक राव, भागलपुर

भारत के कठिन परीक्षाओं में से एक आइआइटी की मास्टर्स डिग्री कोर्स (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड मशीन लर्निंग) की परीक्षा में आदमपुर सीसी मुखर्जी लेन निवासी जिला स्कूल भागलपुर में प्लस टू में लेक्चरार के पद से सेवानिवृत्त डॉ जीपी सिंह ‘आनंद’ के पुत्र सूर्य प्रताप सिंह ने टॉप रैंकिंग के साथ सफलता हासिल की. सूर्य को आइआइटी कानपुर में एडमिशन भी मिला. सूर्य प्रताप मूलत: सहरसा के पंचगछिया का रहने वाला है. सफलता के बाद पिता डॉ जीपी सिंह, माता नीलू सिंह समेत सगे-संबंधियों में खुशी की लहर है.

विप्रो में असिस्टेंट मैनेजर रहते हुए की पढ़ाई और बने आइआइटी के मास्टर

सूर्य प्रताप पुणे में विप्रो कंपनी में असिस्टेंट मैनेजर रहते हुए पढ़ाई की और आइआइटी मास्टर डिग्री कोर्स की परीक्षा में सफलता पायी. सूर्य प्रताप ने आत्मनिर्भरता को मूलमंत्र मानकर ऐसा किया और अन्य विद्यार्थियों को भी प्रेरित किया.

तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ कलाम ने दी थी बधाई और बनाये रखा था संपर्क

सूर्य प्रताप सिंह ने नवोदित वैज्ञानिक के रूप में पहले ही भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के पटल पर खुद को स्थापित करने में सफलता पायी थी. 2006 में सेंट एंड्रयूज स्कूल, भागलपुर के नौवीं के छात्र रहते हुए उसने डिजिटल वोटिंग मशीन विकसित कर देश के विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में परचम लहराया.

बकौल डॉ जीपी सिंह कि बार-बार मतदान में धांधली के खबरों को गंभीरता से लिया और शोध कर यह मशीन विकसित की. तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने इस मशीन के आविष्कार के लिए शुभकामना भेजी थी. फिर खुद निर्देश देकर इस प्रोजेक्ट को गंभीरता से लेने का संबंधित विशेषज्ञाें को निर्देश दिया था.

इसके बाद इस मशीन से संबंधित विस्तृत विवरण राष्ट्रीय खोज संस्थान, अहमदाबाद तथा मुख्य निर्वाचन आयुक्त, दिल्ली को शीघ्र उपलब्ध कराया गया था. सूर्य ने अपने प्रोजेक्ट में डिजिटल वोटिंग मशीन की कीमत मात्र 6,500 रुपये दर्शाया था. इस मशीन को उसने भारतीय अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखकर विकसित की थी.

विज्ञान व तकनीक के क्षेत्र में कई तमगा कर चुका है हासिल

सूर्य प्रताप ने नासा यूएसए द्वारा वर्ष 2009 में विश्व स्तर पर आयोजित ”मार्स क्वेस्ट एक्सप्लोरिंग द रेड प्लानेट कंपटीशन” में विश्व में प्रथम स्थान प्राप्त कर विज्ञान व तकनीकी के क्षेत्र में अंग प्रदेश के साथ-साथ राज्य व देश का नाम रोशन किया. उस समय सूर्य प्रताप कंप्यूटर इंजीनियरिंग द्वितीय वर्ष का छात्र था.

इसी साल आइआइटी गुवाहाटी द्वारा आयोजित इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इन रोबोटिक्स एंड इम्बेडेड-सी में ग्रेड ए प्लस हासिल कर पूरे देश में सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त किया था. साथ ही एसआरएम यूनिवर्सिटी चेन्नई में रोबोटिक्स टेक्नोलोजिकल फेस्टिवल प्रतियोगिता 2009 में तीसरा स्थान प्राप्त किया. इससे पहले 2008 में आईआईटी दिल्ली से रिसर्च एसोसिएट के रूप में सुपर कंप्यूटर पर भी एसएलआई डिजाइन एंड एंबेडेड सिस्टम में ट्रैक रिकॉर्ड बनाया था.

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