सुल्तानगंज के अजगैवीनाथ मंदिर में सालों भर चलता है भंडारा, सावन में रहता है और विशेष इंतजाम…
बिहार के सुल्तानगंज स्थित अजगैवीनाथ मंदिर में सालों भर भंडारा चलता है. यहां कभी कोई अतिथि भूखा नहीं सोता. मंदिर के स्थानापति महंत बता रहे हैं सावन की व्यवस्था...
Shravani Mela 2024: विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला में सुल्तानगंज स्थित बाबा अजगैबीनाथ मंदिर में कोई संत-महात्मा व अतिथि रात में भूखा नही सोता है. पूरे सावन माह में आने वाले हजारों श्रद्धालु व संत महात्मा को महाप्रसाद मिलता है. मंदिर के स्थानापति महंत प्रेमानंद गिरि ने प्रभात खबर से विशेष बातचीत में बताया कि मंदिर काफी पुराना है. यहां सच्चे मन से मांगी गयी मनोकामना अवश्य पूरी होती है. पूरे सावन माह में लाखों लोग मंदिर पर पहुंचते है. साल के अन्य दिनों में भी देशी व विदेशी पर्यटक का आगमन लगा रहता है.
रात में कोई अतिथि भूखा नहीं सोता, सालों भर चलता है भंडारा
स्थानापति महंत ने बताया कि मंदिर पर संत, महात्मा, अतिथि कोई भी पहुंच जाय तो रात में भूखा नहीं सोता है. वृहत पैमाने पर सालों भर भंडारा की योजना है. सावन मे अन्न क्षेत्र चलता है. दिन में मंदिर पर पहुंचने के बाद अन्न क्षेत्र में भोजन मिलता है. खासकर मंदिर में पहुंचे कोई संत,महात्मा को रात में भूखे सोने नही दिया जाता है.बताया गया कि हर रोज दो से तीन सौ लोग अन्न क्षेत्र में भोजन करते है.जिसकी व्यवस्था मंदिर में की जाती है.
मंदिर को मिले राष्ट्रीय पहचान देने की मांग
देश-विदेश से आने वाले कांवरिया श्रावणी मेला में अजगैवीनाथ मंदिर पहुंचते है. लेकिन सरकार की नजर में अजगैवीनाथ मंदिर की महत्ता को इंटरनेट व गूगल पर भी अधिक से अधिक प्रसारित करने के लिए कांवरिया ने अपनी राय रखी. कांवरिया ने कहा कि मंदिर को राष्ट्रीय पहचान मिलनी चाहिए. मंदिर पर पेयजल, रोशनी की समुचित व्यवस्था सालों भर रहनी चाहिए.
कांवरियों से महंत की अपील
मंदिर के स्थानापति महंत ने बताया कि मंदिर के चारों ओर सौंदर्यीकरण व मंदिर की महत्ता को आगे बढ़ाने के लिए अखाड़ा के दिशा-निर्देश पर कार्य किया गया. सरकार भी इस दिशा में पहल करे तो मंदिर की महत्ता अत्यधिक होगी. श्रद्धालुओं का अधिक से अधिक आगमन होगा. मंदिर को राष्ट्रीय मानचित्र के नक्शे पर लाने के लिए पहल हो. कोई कांवरिया बिना बाबा अजगैबीनाथ के दर्शन के यात्रा शुरू नही करे. कांवरियों से अपील की गयी है कि मंदिर मे बाबा का दर्शन कर ही बाबाधाम की यात्रा शुरू करे.