भागलपुर के भोलानाथ रेलवे ओवर ब्रिज का फाउंडेशन 51 प्रतिशत और सुपर स्ट्रक्चर का काम 20 प्रतिशत पूरा हो गया है. इसके साथ ही ब्रिज का काम अब धरातल पर दिखने लगा है. लेकिन, सबसे बड़ी अड़चन अभी तक दूर नहीं हो सकी है. वह रेलवे से जीएडी ( जनरल अरेंजमेंट ड्राइंग) को एनओसी नहीं मिलना है. दरअसल, इसके बिना वह भोलानाथ अंडरपास और बौंसी रेल पुल के ऊपर ओवर ब्रिज बना ही नहीं सकता है.
पुल निर्माण निगम ने रेलवे को तीसरी बार रिमाइंडर भेजा
पुल निर्माण निगम ने तीसरी बार रिमाइंडर मालदा रेल डिवीजन और इस्टर्न रेलवे को भेजा है और अनुरोध किया है कि वह अगर एनओसी देने में देरी करता है, तो आरओबी के निर्माण कार्य पर असर पड़ेगा. क्योंकि, एनओसी नहीं मिलने से इस स्थान पर काम शुरू नहीं कर सका है. शीतला स्थान चौक की ओर से ब्रिज निर्माण का कार्य शुरू किया गया था और वर्तमान में अंतिम छोर भीखनपुर त्रिमूर्ति चौक की ओर से काम करा रहा है. वह अब चाहता है कि भोलानाथ अंडरपास और बौंसी रेल पुल स्थल पर काम कराये.
रेलवे ने भी दिया भरोसा…
रेलवे ने भी आश्वस्त किया है कि वह पुल निर्माण निगम को निराश नहीं करेगा. भोलानाथ रेलवे ओवर ब्रिज निर्माण के लिए पुल निर्माण निगम को दो साल के लिए एनओसी मिला था, लेकिन इस बीच काम नहीं हुआ. जून 2025 तक भोलानाथ ओवर ब्रिज निर्माण पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित है.
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04 करोड़ 08 लाख रुपये एजेंसी को हुआ भुगतान
आरओबी का निर्माण कार्य की उपलब्धता के आधार पर पुल निर्माण निगम ने अबतक एजेंसी को 04 करोड़ 08 लाख रुपये का भुगतान किया है. एजेंसी का दावा है कि उन्होंने अबतक 12-14 करोड़ खर्च कर दिया है. कार्य की उपलब्धता के आधार पर अगर राशि नहीं मिलती रही, तो इसका असर कार्य प्रगति पर पड़ सकता है.
आरओबी बनने में जितनी होगी देरी, उतनी देरी से आवागमन के लिए खुलेगा रास्ता
आरओबी निर्माण को लेकर भीखनपुर से शीतला स्थान चौक तक यातायात बंद है. ट्रैफिक ब्लॉक लिया गया है. आरओबी का निर्माण होने तक यातायात बंद ही रहेगा. आरओबी बनने का समय जून 2025 निर्धारित है. मगर, इस तरह की अड़चनों को दूर नहीं किया गया तो इसके पूरा होने में देरी संभव है. जाहिर है कार्य पूर्ण हुए बिना यातायात शुरू नहीं किया जा सकता है.
कार्यस्थल पर ऊबड़-खाबड़ रोड ठीक करने के निर्देश का पालन नहीं
कुछ दिन पहले डीएम ने भोलानाथ आरओबी के कार्य प्रगति का जायजा लेने पहुंचे थे. वहां उन्होंने देखा था कि कार्यस्थल पर सड़क ऊबड़-खाबड़ है. उन्होंने निर्देशित किया था कि मशीन से 24 घंटे के अंदर कार्यस्थल के ऊबड़-खाबड़ रोड को दुरुस्त करायें. डीएम के निर्देश के बाद भी यह काम नहीं हो सका है. पुल के समीप लगातार जाम की समस्या रहती है.