नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देकर किसानों को बनाया जा रहा सशक्त : कुलपति
बिहार कृषि विश्वविद्यालय अपने शिक्षण, अनुसंधान और विस्तार कार्यक्रमों के माध्यम से बिहार को कृषि उत्कृष्टता का केंद्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
bhagalpur news बिहार कृषि विश्वविद्यालय अपने शिक्षण, अनुसंधान और विस्तार कार्यक्रमों के माध्यम से बिहार को कृषि उत्कृष्टता का केंद्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. संस्थान न केवल वर्तमान कृषि चुनौतियों का समाधान कर रहा है, बल्कि भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सतत विकास की दिशा में अग्रसर है. विश्वविद्यालय का लक्ष्य पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक वैज्ञानिक तकनीकों का सामंजस्य स्थापित करना है. विश्वविद्यालय का व्यापक दृष्टिकोण कृषि क्षेत्र में समग्र विकास सुनिश्चित करता है. इसके प्रयास न केवल सूबे भर में, बल्कि पूरे भारत को कृषि अनुसंधान और नवाचार में अग्रणी बनाने की दिशा में है. 44 उन्नत किस्म के फसल व 71 नई तकनीकों का हुआ विकास बीएयू के प्रयोगशालाओं को आधुनिक तकनीक, संसाधन और अनुसंधान उपकरणों से लैस किया गया है. जिससे वह वैश्विक कृषि समस्याओं के लिए समाधान विकसित कर सकें. बीएयू के 15 अनुसंधान केंद्र हैं, जो राज्य के विभिन्न कृषि जलवायु क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करते हैं. 2018 से 2024 तक विश्वविद्यालय ने अनुसंधान परियोजनाओं के लिए 5,132 लाख का निवेश किया. इस निवेश के तहत 885 इन-हाउस सीड मनी प्रोजेक्ट और 179 बाहरी फंडेड परियोजनाओं को सफलतापूर्वक लागू किया गया. इस प्रयास से 44 उन्नत किस्म के फसल और 71 नई तकनीकों का विकास हुआ. बीएयू के 1,116 शोध पत्र हुआ प्रकाशित बीएयू ने नवाचार और बौद्धिक संपदा अधिकार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं. केवल एक वर्ष में विश्वविद्यालय ने 14 पेटेंट, 12 कॉपीराइट और 1 ट्रेडमार्क प्राप्त किया है. इन उपलब्धियों ने इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी स्थान प्रदान किया है. 2018 से 2024 के बीच बीएयू के 1,116 शोध पत्र प्रकाशित हुआ है. किसानों के अधिकारों की रक्षा और स्वदेशी फसलों को बढ़ावा देना विश्वविद्यालय की प्राथमिकताओं में शामिल है. किसानों को बाजार से जोड़ने का हुआ काम बीएयू ने कृषि व्यवसाय और स्टार्टअप के क्षेत्र में अभियान चलाकर लगभग एक लाख 23 हजार से अधिक किसानों को तकनीकी जानकारी और बाजार से जोड़ने में मदद की है. साथ ही विश्वविद्यालय ने 97 स्टार्टअप को प्रोत्साहित किया है. कोट हमारा मिशन बिहार को कृषि अनुसंधान और स्टार्टअप विकास का केंद्र बनाना है. नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देकर हम किसानों को सशक्त बना रहे हैं और प्रदेश के आर्थिक विकास में योगदान दे रहे हैं. डॉ डीआर सिंह, कुलपति, बीएय, सबौर. हमारा अनुसंधान कृषि उत्पादकता बढ़ाने और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने पर कंद्रीत है. हमारी प्राथमिकता किसानों की आय में वृद्धि करना और स्थानीय संसाधनों का समुचित उपयोग सुनिश्चित करना है. डॉ अनिल कुमार सिंह, निदेशक अनुसंधान बीएयू सबौर
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