बिहार बंगाली समिति की बैठक. नेताजी की जयंती की जगह अब होगा प्रतिवाद कार्यक्रम
दुर्गाचरण प्राथमिक विद्यालय में मशहूर उपन्यासकार शरतचंद्र की प्रतिमा के सामने मंच बनाने का विरोध अब और तूल पकड़ता दिख रहा है.
दुर्गाचरण प्राथमिक विद्यालय में मशहूर उपन्यासकार शरतचंद्र की प्रतिमा के सामने मंच बनाने का विरोध अब और तूल पकड़ता दिख रहा है. रविवार को बिहार बंगाली समिति, भागलपुर शाखा की ओर से बैठक करके बंगाली समाज ने 23 जनवरी को प्रस्तावित नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती पर बृहद रक्तदान शिविर को स्थगित करते हुए अब प्रतिवाद कार्यक्रम करने का फैसला लिया है. सांकेतिक रूप से जयंती कार्यक्रम करेंगे. ऐसे में धूमधाम से होने वाले कार्यक्रम की 45 वर्षों की परंपरा टूट जायेगी.
बैठक में सचिव शुभंकर बागची ने बताया कि जिलाधिकारी व जिला शिक्षा पदाधिकारी ने उनकी मांगों को संज्ञान लेने की बात कही है, लेकिन मंच को अब तक तोड़ने का काम शुरू नहीं हुआ है. शरतचंद्र चट्टोपाध्याय किसी समाज के नहीं, बल्कि सभी समाज के लिए सम्मानित हैं. साजिश के तहत प्रतिमा के सामने स्थायी मंच बनाया गया. बगल में भी काफी जगह है. यह साहित्यकार शरतचंद्र का अपमान है. विद्यालय मे सदियों पुरानी बांग्ला अक्षर में विद्यालय का नाम लिखे बोर्ड को हटा दिया गया, जिसमें शरतचंद्र का परिचय व विद्यालय में पढ़े होने का साक्ष्य था.
बंगाली समाज के लोगों ने कहा कि शिक्षा अधीक्षक के समक्ष भी विरोध से अवगत किया जा चुका है. यह विद्यालय बिहार बंगाली समाज का एक अमूल्य धरोहर भी है. ऐसे में विद्यालय से छेड़छाड़ नहीं करने दिया जायेगा. वरीय चिकित्सक डॉ शंकर ने शिक्षा अधीक्षक से प्रधानाध्यापिका के स्थानांतरण की मांग की. इस मौके पर जयजीत घोष, निरूपमकांति पाल आदि उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है