भागलपुर में विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय निर्माण का बड़ा पेंच सुलझा, नीतीश कैबिनेट बैठक का जानिए फैसला…
बिहार सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में 27 एजेंडों पर मुहर लगायी जिसमें भागलपुर में केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए भी बड़े पेंच को सुलझाया है.
बिहार सरकार की कैबिनेट बैठक में शुक्रवार को 27 एजेंडों पर मुहर लगी जिसमें भागलपुर से जुड़ी भी एक बड़ी खबर है. विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय के निर्माण की बड़ी बाधा दूर हुई है और नीतीश कैबिनेट बैठक में भागलपुर के विक्रमशिला में 205 एकड़ जमीन अधिग्रहित करने के लिए 87.99 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी गयी है. अपर मुख्य सचिव ने बताया कि यहां केंद्रीय विश्वविद्यालय खुलने का रास्ता अब साफ हो गया है.
विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय निर्माण से जुड़ा फैसला
नीतीश कैबिनेट बैठक में 27 एजेंडों पर मुहर शुक्रवार को लगी. सरकार ने इस बैठक में कई अहम फैसले लिए. जिसमें भागलपुर के विक्रमशिला में बनने वाले केंद्रीय विश्वविद्यालय के निर्माण हेतू भूमि अधिग्रहण के लिए कैबिनेट ने 87 करोड़ 99 लाख 81 हजार 355 रुपए की स्वीकृति और इस राशि को जारी करने की मंजूरी दे दी है.
जमीन अर्जित करने की कार्रवाई आजतक शुरू नहीं की जा सकी
बता दें कि विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय के निर्माण की घोषणा हुए करीब 9 साल बीत चुके हैं. पीएम पैकेज में इसे शामिल किया गया था और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2015 में इसकी घोषणा की थी. इसके लिए राशि भी जारी हुई लेकिन इतने साल बीत जाने के बाद भी सरकारी फाइलों में ही विश्वविद्यालय निर्माण की प्रक्रिया घूमती रही है. 31 अक्तूबर, 2023 को ही जमीन चिह्नित भी कर ली गयी थी और तत्कालीन डीएम ने जमीन का ब्यौरा और मुआवजा राशि की रिपोर्ट शिक्षा विभाग को सौंप दिया था. लेकिन जमीन अर्जित करने की कार्रवाई आजतक शुरू नहीं की जा सकी.
कहां बनेगा नया विश्वविद्यालय ?
गौरतलब है कि विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय निर्माण के लिए कहलगांव के अंतीचक और मलकपुर मौजा में जमीन चिन्हित हुई है. अंतीचक मौजा में 88 एकड़ 99 डिसमिल और मलकपुर मौजा में 116 एकड़ 50 डिसमिल जमीन को चिन्हित किया गया है. इस विश्वविद्यालय को पहले 500 एकड़ में बनाने का फैसला लिया गया था लेकिन बाद में यह 200 एकड़ के दायरे पर सीमित हो गया. जमीन व लागत की रिपोर्ट भी जिले से पूर्व में ही भेज दी गयी थी लेकिन भूमि अधिग्रहण तक का काम अबतक शुरू नहीं होने से जिलेवासियों में नाराजगी रही है.
लौटेगा विक्रमशिला का खोया हुआ गौरव
उल्लेखनीय है कि कहलगांव अनुमंडल स्थित अंतीचक में ऐतिहासिक विक्रमशिला महाविहार है. अभी इसका भग्नावशेष बचा है और विक्रमशिला का इतिहास बेहद गौरवशाली रहा है. इसके गौरव को वापस लौटाने की मांग यहां के लोग करते रहे हैं. पाल वंश के राजा धर्मपाल ने इस विश्वविद्यालय की स्थापना की थी और दुनिया के सबसे पुराने उच्च शिक्षण संस्थानों में इसकी गिनती होती है. यहां केंद्रीय विश्वविद्यालय बन जाने के बाद फिर एकबार अध्ययन, शोध व अध्यापन शुरू होगा और विक्रमशिला महाविहार के पास ही बनने वाले नये भवनों से विक्रमशिला विश्वविद्यालय का गौरव लौटेगा.