सिल्क सिटी की सड़कों पर अब भिखारी नहीं दिखेंगे. सड़कें भिखारी मुक्त नजर आयेगी. उन्हें छत मिलेगी. एक ही छत के नीचे खाने से लेकर इलाज तक यानी, सारी सुविधाएं मिलेगी. मनोरंजन का साधन भी उपलब्ध होगा. पढ़ने की चाह रखने वालों के लिए पुस्कालय होगा. कौशल विकास के तहत रोजगार के लिए उन्हें प्रशिक्षित भी किया जायेगा.
भिखारियों को अब औरों के सामने हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. यह सब मुख्यमंत्री भिक्षावृत्ति निवारण योजना के तहत होगा. डिस्ट्रिक्ट सोशल सिक्यूरिटी सेल, भागलपुर की ओर से निदेशालय निराश्रितों और विशेषकर वृद्धजनों के पुनर्वास के लिए चिकित्सा और अन्य सुविधाओं के साथ आश्रय गृह स्थापित करने की पहल की है. उन्हें छह से नौ हजार वर्ग फुट में बने जगह की तलाश है.
भिखारियों के पुनर्वास को लेकर छह से नौ हजार वर्ग फुट जगह के लिए टेंडर 24 मार्च को खुलेगा. इसमें इच्छुक मकान मालिक टेंडर भर सकते हैं. टेंडर डॉक्यूमेंट पांच से 20 मार्च तक मिलेगा. टेंडर डॉक्यूमेंट जमा करने की अंतिम तिथि 20 मार्च निर्धारित की गयी है.
भिखारियों के पुनर्वास से पहले सिटी में उनका सर्वे किया जायेगा. इसके बाद उन्हें कौशल विकास के काम से जोड़ काम दिलाया जायेगा.
पुनर्वास केंद्र सातों दिन 24 घंटे कार्य करेगी. सुरक्षा प्रहरी रहेगा. सफाई कर्मचारी, रसोइया, गृह अधीक्षक, उपचारिका आदि गृह परिसर में ही रहेगा. ताकि समय-समय पर लाभुकों के संबंध में निर्णय ले सके. प्राकृति आपदाओं यानी, भूकंप आदि से बचने के लिए गृह परिसर में दो हजार वर्ग फुट खुला स्थान अवश्य रहेगी. बीमा व्यक्तियों के लिए विशेष बेड की व्यवस्था होगा. दिव्यांग आवासितों के लिए विशेष शौचालय एवं स्थान घर व खास तरह के मैट, स्टैंड, हेंडिल की व्यवस्था रहेगी.
-लाभुकों के लिए आवासीय जगह
-रसोइघर एवं भोजनालय
-चिकित्सा कक्ष
-मनोरंजन कक्ष
-पुस्कालय
-भंडार घर
-स्नान घर
-शौचालय
-कार्यालय
-कौशल विकास कक्ष
-परामर्श कक्ष
-पूजा घर
-अधीक्षक के लिए आवासीय कक्ष, स्नान कक्ष व शौचालय
-आवासीय कक्ष प्रहरी, सहायक नर्सिंग, मेडिकल, सफाई कर्मचारी आदि के लिए शयनकक्ष
-स्थान घर व शौचालय
-खुला परिसर
Posted By: Thakur Shaktilochan