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अब चार सेकेंड में मिलेगी कोरोना, निमोनिया व टीबी की रिपोर्ट, भागलपुर ट्रिपल आइटी ने की खोज

भागलपुर: कोविड-19 महामारी के उन्मूलन के लिए चल रहे वैश्विक प्रयास में भागलपुर स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (ट्रिपल आइटी) के वैज्ञानिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहे हैं. दरअसल ट्रिपल आइटी ने एक्स-रे और सिटी स्कैन के इमेज को देख कर कोविड पॉजिटिव व निगेटिव रिपोर्ट देने वाला सॉफ्टवेयर तैयार किया है. दो माह पहले इस सॉफ्टवेयर को स्वास्थ्य मंत्रालय के पास स्वीकृति के लिए भेजा गया था. स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस सॉफ्टवेयर की जांच की जिम्मेदारी इंडियन मेडिकल रिसर्च काउंसिल नयी दिल्ली (आइसीएमआर) को सौंपी थी. आइसीएमआर ने सॉफ्टवेयर की जांच के बाद इसको स्वीकृति दे दी है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 13, 2020 8:05 AM

भागलपुर: कोविड-19 महामारी के उन्मूलन के लिए चल रहे वैश्विक प्रयास में भागलपुर स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (ट्रिपल आइटी) के वैज्ञानिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहे हैं. दरअसल ट्रिपल आइटी ने एक्स-रे और सिटी स्कैन के इमेज को देख कर कोविड पॉजिटिव व निगेटिव रिपोर्ट देने वाला सॉफ्टवेयर तैयार किया है. दो माह पहले इस सॉफ्टवेयर को स्वास्थ्य मंत्रालय के पास स्वीकृति के लिए भेजा गया था. स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस सॉफ्टवेयर की जांच की जिम्मेदारी इंडियन मेडिकल रिसर्च काउंसिल नयी दिल्ली (आइसीएमआर) को सौंपी थी. आइसीएमआर ने सॉफ्टवेयर की जांच के बाद इसको स्वीकृति दे दी है.

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मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने रविवार को एक ट्विट कर इसकी जानकारी दी

भागलपुर समेत देश के सभी ट्रिपल आइटी का संचालन करने वाले केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने रविवार को एक ट्विट कर इसकी जानकारी दी. मंत्री ने अपने ट्विट में ट्रिपल आइटी के निदेशक को बधाई देते हुए कहा कि सॉफ्टवेयर की सहायता से कोरोना संक्रमित मरीजों की जांच होगी. ट्रिपल आइटी के निदेशक प्रो अरविंद चौबे ने बताया कि मंगलवार तक इस सॉफ्टवेयर के अप्रूवल का सर्टिफिकेट जारी करेगा. इसके बाद सॉफ्टवेयर की लांचिंग के लिए चेन्नई की एक आइटी कंपनी को ट्रिपल आइटी भागलपुर की तरफ से व्यावसायिक प्रयोग के लिए लाइसेंस दिया जायेगा.


फिलहाल एक मरीज के दो जांच के लिए चार से पांच हजार रुपये खर्च करने पड़ रहे… 

निदेशक ने बताया कि महज एक्स-रे के खर्च पर दो से 400 रुपये में कोविड-19 के मरीजों का दो से तीन बार जांच की जायेगी. फिलहाल सरकार को एक मरीज के दो जांच के लिए चार से पांच हजार रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं. निदेशक ने बताया कि इंडियन मेडिकल रिसर्च काउंसिल आइसीएमआर व एम्स दिल्ली एक्स-रे व सिटी स्कैन रिपोर्ट जांच की जांच कर चुकी है.

सॉफ्टवेयर से कोविड-19 की कैसे होगी जांच

ट्रिपल आइटी भागलपुर की ओर से विकसित इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से बिना टेस्ट किट की सहायता से कोरोना संक्रमण का पता लगा सकते हैं. इस सॉफ्टवेयर में सिर्फ छाती का एक्स-रे व सिटी स्कैन इमेज को अपलोड करनी होगी. यह महज चार सेकेंड में रिजल्ट दे देगा कि जिसकी एक्स-रे रिपोर्ट है, वह कोरोना पॉजिटिव है या नहीं.

देश में बिना किट के टेस्ट की रफ्तार बढ़ जायेगी

दरअसल इस सॉफ्टवेयर में हजारों कोविड-19 पॉजिटिव मरीज की छाती की एक्स-रे रिपोर्ट को दर्ज किया गया है. यह नया एक्स-रे रिपोर्ट देखते ही पहचान कर लेता है कि व्यक्ति कोरोना संक्रमित है. इस सॉफ्टवेयर की सहायता से देश में बिना किट के टेस्ट की रफ्तार बढ़ जायेगी. उन्होंने कहा कि देश का ऐसा कोई प्रखंड नहीं बचा, जहां के सरकारी अस्पताल व निजी लैब में डिजिटल एक्स-रे की व्यवस्था न हो. अगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, रेफरल अस्पताल, अनुमंडल व सदर अस्पताल में इस सॉफ्टवेयर का संचालन हो, तो सिर्फ एक्स-रे या सिटी स्कैन के इमेज के सहारे पॉजिटिव केस की पहचान हो जायेगी.

महज 200 रुपये के एक्स-रे डिजिटल इमेज से सस्ता जांच होगा

निदेशक ने कहा कि कोविड-19 मरीज की तीन से अधिक रिपोर्ट आती है. इस प्रक्रिया से पॉजिटिव मरीज का इलाज तत्काल शुरू होगा. इस समय टेस्ट की रिपोर्ट आने में अधिकतम पांच दिन लग रहा है, जबकि सॉफ्टवेयर से महज 200 रुपये के एक्स-रे डिजिटल इमेज से सस्ता जांच होगा. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने इस सॉफ्टवेयर को लागू करने पर सहमति दी है. इस सॉफ्टवेयर के प्रोग्रामर सहायक प्रोफेसर संदीप राज हैं.

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