13.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Bihar Flood 2020: गंगा किनारे कैल्शियम कार्बोनेट की मोटी पट्टी, अवैध मिट्टी उठाव से गहराया कटाव का संकट

भागलपुर में गंगा किनारे मिट्टी का कटाव काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है. जिसके कारण गंगा किनारे बसे इलाके बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं. यह समस्या हर साल तेजी से बढ़ती जा रही है. जिसका एक बड़ा कारण गंगा किनारे अनधिकृत रूप से मिट्टी का उठाव भी है. जो इस समस्या को विकराल रूप देता जा रहा है.

भागलपुर में गंगा किनारे मिट्टी का कटाव काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है. जिसके कारण गंगा किनारे बसे इलाके बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं. यह समस्या हर साल तेजी से बढ़ती जा रही है. जिसका एक बड़ा कारण गंगा किनारे अनधिकृत रूप से मिट्टी का उठाव भी है. जो इस समस्या को विकराल रूप देता जा रहा है.

Also Read: Coronavirus In Bihar: भागलपुर में पदाधिकारियों के बीच संक्रमण फैलने से कई कार्यालय हुए बंद, कामकाज हो रहा प्रभावित…
भागलपुर में गंगा के दक्षिणी किनारे कैल्शियम कार्बोनेट की एक मोटी पट्टी …

तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सुनील सिंह ने गंगा किनारे हो रहे कटाव के बारे में कुछ अहम जानकारी दी है. सुनील सिंह गंगा पर काम करने वाली टीम के सदस्य रह चुके हैं. उन्होंने बताया कि भागलपुर में गंगा के दक्षिणी किनारे लखीसराय से लेकर कहलगांव के बटेश्वर स्थान तक कैल्शियम कार्बोनेट की एक मोटी पट्टी है. यह पट्टी लगभग 5 कि.मी. चौड़ी और 1 कि.मी. मोटी है. इस पट्टी के कारण गंगा के दक्षिणी किनारे में एक खास प्रजाति के सीप की कॉलोनी बनती है जो किनारे को पत्थर सा मजबूत बनाती है.

अनधिकृत मिट्टी उठाव से जल्द ही पट्टी हो जाएगी समाप्त…

उन्होंने बताया कि इस सीप की कॉलोनी के कारण किनारे को जो मजबूती मिलती है, वो गंगा को दक्षिणी हिस्से में कटाव से रोकती है. इन सीपों का यह जमाव बनने में करोड़ों वर्ष लगे होंगे. लेकिन लोग इसके महत्व को नहीं समझ रहे और ना ही प्रशासन इसको लेकर गंभीर रही है. जिस हिसाब से पिछले कई सालों से यहां की मिट्टी का अवैध कटाव जारी है, वो दिन दूर नहीं होंगे जब यह पूरी तरह समाप्त हो जाएगा.

दक्षिणी क्षेत्र में कटाव हमारे लालच का ही परिणाम

सुनील सिंह बताते हैं कि नोवेक्यूलिना गंगेटिका प्रजाति की सीपें इस इलाके में जो गंगा का मध्यवर्ती बहाव बनाता है गंगा के दक्षिणी क्षेत्र की पहचान थी. शुरुआत में मैं खुद इस कॉलोनी को केवल दक्षिणी किनारे पर उपस्थित पाकर परेशान था. क्योंकि यह आश्चर्यजनक रूप से उत्तरी किनारे से गायब था. फिर एक दिन प्रो0 आर पी शर्मा (स्व) की ज्यॉग्रेफी ऑफ इंडिया किताब को पढ़ने का अवसर मिला जहाँ यह जानकारी मिली यह 1984 की बात है. तब यह बात भी समझ में आयी कि एक सीमा के बाद गंगा दक्षिणी किनारे की ओर क्यों नहीं कटाव करती है तथा बटेश्वर स्थान की रॉक कट मूर्तियां चूना पत्थर की क्यों बनी हैं. यदि आज दक्षिणी क्षेत्र में कटाव हो रहा है तो यह हमारे लालच का ही परिणाम है.

विद्युत शव-दाह गृह का एक बड़ा हिस्सा हो चुका है प्रभावित 

गंगा किनारे हो रहे अनधिकृत मिट्टी उठाव का ही यह नतीजा है कि बरारी श्मशान घाट पर स्थित विद्युत शव-दाह गृह का एक बड़ा हिस्सा इसकी चपेट में आकर कट चुका है. यदि इस तरफ प्रशासन द्वारा पहले कड़ाई की गई होती तो इस बड़े नुकसान को होने से बचाया जा सकता था.

इंजीनियरिंग कॉलेज पर मंडरा रहा कटाव का खतरा…

भागलपुर के बरारी घाट से लेकर इंजीनियरिंग कॉलेज तक मिट्टी का कटाव तेजी से हो रहा है. यदि इस मिट्टी का अवैध तरीके से कटाई व ढुलाई जारी रहा तो जल्द ही सीपों की ये कॉलोनी समाप्त हो जाएगी. जिससे गंगा किनारे स्थित भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज भी प्रभावित होगा और कट जाएगा. बता दें कि गंगा के दक्षिणी किनारे के कटाव की हालत अब काफी बदतर हो चुकी है. जिसे बचाने हर वर्ष करोडों रुपये खर्च हो रहे हैं.

Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें