बिहार में बाढ़ (Bihar Flood) ने फिर एकबार दस्तक दी है. सूबे के कई जिले बाढ़ का दंश झेलने को मजबूर हो चुके हैं. मानसून की बारिश और नेपाल के द्वारा लगातार छोड़े जा रहे पानी से कोसी समेत कई नदियों में उफान है. वहीं इस बार भी सरकारी भवन कटाव की चपेट में आने लगे हैं. भागलपुर में स्वास्थ्य उपकेंद्र के कमरे बाढ़ की भेंट चढ़े जबकि सहरसा में स्कूल को कटाव ने अपना निशाना बनाया है.
कोसी के के घटते बढ़ते जल स्तर से कटाव ने उग्र रूप धारण कर लिया है. कटाव ने इस बार सहरसा के हाटी पंचायत के मुरलीपुर गांव वार्ड नंबर नौ एवं नवसृजित विद्यालय देवका को अपना निशाना बनाया है. नवसृजित विद्यालय देवका से महज 100 फीट की दूरी पर कटाव ने उग्र रूप धारण कर लिया है. जहां सैकड़ों परिवार में आशियाना विलीन होने का भय बना हुआ है.
प्रशासनिक अधिकारी एवं जल संसाधन विभाग के द्वारा कटाव रोकने के लिए अगर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो, राजकीय बुनियादी विद्यालय कठुआर एवं नवसृजित प्राथमिक विद्यालय देवका का अस्तित्व कोसी नदी में कटकर विलीन हो जाएगा.
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भागलपुर के बिहपुर अंतर्गत हरिओ पंचायत के कोसी पर गांव कहारपुर के वार्ड नंबर 04 व 05 में कटाव का सिलसिला जारी है. शनिवार की रात स्वास्थ्य उपकेंद्र के दो कमरे कोसी के गर्भ में समा गये. ग्रामीणों ने बताया कि कमरों के पानी में गिरने पर तेज आवाज हुई. लोगों ने बताया कि कोसी तेजी से कटाव करते हुए गांव की ओर बढ़ रही है.
गांव का विषहरी मंदिर कटाव से अब मात्र 15 फीट की ही दूरी पर रहा गया है. रविवार को भी कटाव के मुहाने पर आये घरों को लोग तोड़ कर सामान सुरक्षित जगहों पर ले जा रहे थे. शौचालय और चापाकल नदी में विलीन हो जाने से लोगों को परेशानी हो रही है. कटाव से बेघर हो चुके लोगों ने कहा हमलोग भगवान भरोसे जी रहे हैं. प्रशासन से अभी तक कोई मदद नहीं मिली है.
Published By: Thakur Shaktilochan
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