Bihar Flood: पटना/भागलपुर. बिहार में कई नदियों के जलस्तर में वृद्धि होने के कारण बाढ़ आई है. प्रदेश के कई जिलों में श्मशान घाट भी पूरी तरह जलमग्न हो गये हैं. श्मशान घाटों पर पानी भरने के कारण शवों के दाह-संस्कार में भारी परेशानी हो रही है. वहीं पटना में गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण श्मशान घाट पूरी तरह जलमग्न हो गये हैं. इधर, भागलपुर में गंगा में आयी बाढ़ के कारण जिले के अधिकांश श्मशान घाट डूब गये हैं. लोगों को अंत्येष्टि के दौरान कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. श्मशान घाट के आसपास छोटी सी जगह में कई शवों को एक साथ जलाया जा रहा है.
सड़क किनारे हो रहा है दाह-संस्कार
पटना में गंगा के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी के कारण गुलबी घाट पर तो दाह-संस्कार के लिए बनाई गयी जगह का निचला हिस्सा पूरी तरह पानी में डूब गया है. वहीं दीघा शमशान घाट पर भी गंगा का जलस्तर काफी ऊपर होने के कारण दाह-संस्कार के लिए बनाए गये स्थल डूब चुके है. ऐसे में जेपी गंगा पथ के ठीक किनारे सड़क से सटे निचले स्थान पर शवों को जलाया जा रहा है. श्मशान घाट पर बैठने के लिए जो शेड बनाए गए हैं, वहां भी पानी भर गया है. जिसके कारण पार्थिव शरीर के जलने तक सड़क पर बैठकर लोग इंतजार करते नजर आ रहे हैं.
भागलपुर में भी परेशानी
भागलपुर के बरारी श्मशान घाट पर यही स्थिति दिखी. विद्युत शवदाह गृह में शवों को जलाया गया. वहीं कतार में खड़े परिजनों ने शवदाह गृह के बाहर ही अगल-बगल दो चिताएं एक साथ रखकर अंत्येष्टि करने लगे. धनकुंड धोरैया से शव जलाने आये दीपक कुमार ने बताया कि जल्दबाजी में चिता नहीं जलायी गयी तो घर लौटने में रात हो जायेगी. रास्ते में कई जगह पानी बह रहा है. सूरज डूबने से पहले घर पहुंचना चाहते हैं.
राघोपुर श्मशान घाट पूरी तरह जलमग्न
इधर, नवगछिया का राघोपुर श्मशान घाट बाढ़ में पूरी तरह जलमग्न हो गया है. इस कारण विक्रमशिला सेतु के अंतिम छोर पर स्थित घाट पर कई चिताएं एक साथ जलती दिखी. पूर्णिया के बनमनखी से चिता जलाने आये मुकेश ने बताया कि बाढ़ के कारण शव जलाने के लिए जगह नहीं बची है. मजबूरीवश हमें पुल के नीचे छोटी सी जगह में अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है. लोगों के लिए खड़ा रहने की जगह नहीं है. इसलिए हमलोग पुल की रेलिंग पर बैठे हुए हैं.
सुल्तानगंज में बगीचा के पास जल रही चिता
सुल्तानगंज के नमामि गंगे घाट के पास स्थित श्मशान घाट में लबालब पानी भरा हुआ है. घाट रोड स्थित चौराहे से श्मशान तक जाने के रास्ते में पानी भरा है. इस कारण सुल्तानगंज आने वाले परिजनों को मजबूरी में नमामि गंगे घाट से पूर्व दिशा में स्थित बगीचे में शव को जलाना पड़ रहा है. जबतक पानी कम नहीं होगा, तबतक परिजनों को मुश्किलों को सामना करना होगा.
बाढ़ के कारण कम लाश जल रहे
बरारी श्मशान घाट पर लकड़ी बेचने वाले दुकानदारों ने बताया कि बाढ़ के कारण रास्ता बाधित है. इस कारण अभी कम शव पहुंच रहे हैं. लोग अपने गांवों के आसपास सूखी जगहों पर अंत्येष्टि कर रहे हैं. पहले बरारी घाट पर रोजाना 25-30 चिताएं जलती थी. अब यह संख्या आधी हो गयी है.