भागलपुर: गंगानदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के साथ साथ तट पर मिट्टी कटाव भी तेज गति से हो रही है. जिले में इस समय गंगानदी में कटाव सबसे ज्यादा सुल्तानगंज, नारायणपुर व भागलपुर शहर के सामने मोहनपुर व अमरी विशनपुर दियारे पर हो रही है. बारिश के कारण दियारे की बालूयुक्त भूमि में नमी आ गयी है. गंगा की तेज रफ्तार से रोजाना हजारों एकड़ उपजाऊ जमीन कटकर नदी में विलीन हो रही है. कटाव के कारण धीरे धीरे गंगानदी नदी की मुख्य धारा भागलपुर व सुल्तानगंज शहर के निकट पहुंच रही है.
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लोगों ने बताया कि 1985 के बाद शहर के सामने मिट्टी व बालू का जमाव शुरू हुआ. 1990 आते आते गंगानदी की मुख्य धारा नदी के उत्तरी छोर पर शिफ्ट हो गयी. करीब 30 साल बाद एक बार फिर नदी के दक्षिणी छोर पर स्थित भागलपुर, सुल्तानगंज, अकबरनगर, सबौर, कहलगांव व पीरपैंती के दियारे पर कटाव की रफ्तार काफी तेज हो गयी है.
किसानों का कहना है कि कटाव के कारण पशुपालन व खेती के लिए जमीन खत्म हो रहे हैं. शहर के लोगों का कहना है कि गंगानदी की मुख्य धारा करीब आने से काफी नीचे जा चुका भूजलस्तर ऊपर आयेगा. मानिक सरकार घाट के सामने मोहनपुर दियारे पर रह रहे किसान अंबिका व आयुष राज ने बताया कि बीते वर्ष मोहनपुर के स्कूल समेत कई घर गंगा में कट कर बह गये. तब यहां के निवासियों ने पूर्व दिशा की ओर अपनी झोपड़ी बना ली.
इस बार फिर कटाव की रफ्तार तेज हो गयी है. बाढ़ से पहले लोगों को अपने घर की बांस बल्लियों को उखाड़कर कहीं दूसरी जगह शिफ्ट करना होगा. दियारा निवासियों ने बताया कि मोहनपुर दियारा से सटे बैरिया धार होकर गंगा का पानी मानिक सरकार घाट तक पहुंच गया है. अगर कटाव तेज रहा तो सालों भर बैरिया धार होकर गंगा का पानी शहर से सटकर बहेगा. बरारी वाटर वर्क्स के इंटकवेल को भी सालों भर गंगानदी का साफ पानी उपलब्ध होगा.