भागलपुर में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. खतरे के निशान 33.68 मीटर से 16 सेंटीमीटर ऊपर तक यह पहुंच गया है. इस कारण सबौर के घोषपुर, फरका, रजंदीपुर, बाबूपुर, जियाउद्दीन चौका, संतनगर, बगडेर बगीचा, इंग्लिश गांव व शहरी क्षेत्र के कई मुहल्ले जलमग्न हो गये.
भागलपुर में गंगा में उफान के बाद अब बाढ़ का पानी कई इलाकों में घुस चुका है. बाढ़ का पानी एनएच 80 को खानकित्ता के पास सबौर में छू चुका है. पानी में जबरदस्त करंट देखा जा रहा है.
गुरुवार को सबौर प्रखंड के इंग्लिश गांव में दोपहर के समय कई बच्चे एक निजी स्कूल से लौट रहे थे. गांव जाने के रास्ते पर एक जगह सड़क पर तेज गति से बाढ़ का पानी सड़क पर बह रहा था. अभिभावक अपने छोटे छोटे बच्चों को गोद में उठाकर अपने घर ले जा रहे थे.
फरका गांव की सड़क पर भी तीन से चार फीट पानी जमा हो गया है. स्कूली बच्चों को अभिभावक गोद में उठाकर पानी में जाते दिखे.कुछ बच्चे अपने जूतों को हाथ में लेकर पानी को पार किया.
गंगा के रौद्र रूप को देख कर इन इलाकों में रहने वाले हजारों परिवार की चिंताएं बढ़ गयी है.कई घरों में चार से पांच फीट पानी लगने से लोग छतों पर रह रहे हैं. छतों पर ही खाना बनाकर अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं.
सबौर से लैलख के बीच एनएच 80 के बराबर पानी का दबाव बढ़ गया है. घोषपुर के पास एनएच पर बनी तीन पुलिया होकर उत्तर दिशा से आ रही गंगा नदी का पानी तीव्र गति से दक्षिणी बहियार की तरफ घुस रहा है.
ग्रामीणों को सबसे अधिक चिंता अपने मवेशियों की है. ग्रामीण गांव में सूखी जगहों पर मवेशियों को पहुंचा रहे हैं. वहीं खुद भी जरुरी समानों के साथ अब सुरक्षित जगहों की ओर पलायन कर रहे हैं.
भागलपुर जिला के सबौर अंतर्गत घोषपुर, फरका, रजंदीपुर, बाबूपुर, जियाउद्दीन चौका, संतनगर बगडेर बगीचा, इंग्लिश गांव व शहरी क्षेत्र के कई मुहल्ले जलमग्न हो गये हैं.
जलस्तर बढ़ने की आशंका को लेकर कई परिवार गांव से अपने परिवार व मवेशियों के साथ सुरक्षित जगहों पर आश्रय ले रहे हैं.
अनुमान है कि शनिवार शाम तक भागलपुर की स्थिति भी सामान्य होने लगेगी. दूसरी तरफ मौसम साफ रहने से लोगों को बड़ी राहत है. अन्यथा परेशानी बढ़ जाती.
Published By: Thakur Shaktilochan