Bihar Flood Update: बिहार में मानसून की बारिश ने लगातार पिछले कुछ दिनों से रफ्तार पकड़ ली है. जिसकी वजह से प्रदेश की नदियों का जलस्तर भी बढ़ रहा है. नेपाल और यूपी में हो रही बारिश का भी प्रभाव दिख रहा है. सूबे की कई नदियां उफनाई हुई है. भागलपुर व मुंगेर में गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. जबकि सीमांचल की कई नदियां उफनाई हुई है. प्रदेश के कई इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.
भागलपुर में गंगा के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. बीते 24 घंटे में 48 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी का रिकॉर्ड दर्ज किया गया है. यानी शुक्रवार को गंगा का जलस्तर 28.40 मीटर पर था और यह शनिवार को बढ़कर 28.88 मीटर पर पहुंच गया. केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी जारी रहेगी.
कटिहार जिले के सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्धि शनिवार को उतार-चढ़ाव रहा है. महानंदा नदी का जलस्तर में शनिवार को दोपहर के बाद फिर से एक बार वृद्धि शुरू हो गयी है. हालांकि यह नदी दुर्गापुर व गोविंदपुर में घट रही है. जबकि झौआ, बहरखाल, आजमनगर, धबोल, कुर्सेल व दुर्गापुर में दोपहर के बाद से जलस्तर बढ़ रही है. हालांकि इस नदी के घटते-बढ़ते जलस्तर से कई क्षेत्रों में कटाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. दूसरी तरफ गंगा व कोसी नदी के जलस्तर इजाफा दर्ज की गयी है.
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रिपोर्ट के मुताबिक बरंडी नदी के जलस्तर में कमी दर्ज की गयी है. गंगा व कोसी नदी के जल स्तर बढ़ने के बावजूद अधिकांश नदियों का जलस्तर चेतावनी स्तर से काफी नीचे है. हालांकि जिस तरह रुक-रुक कर बारिश हो रही है तथा नदियों के जलस्तर में वृद्धि है. इससे बाढ़ आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. जल स्तर में वृद्धि होने से लोगों के बीच बाढ़ व कटाव को लेकर दहशत भी होने लगी है.
नेपाल के पहाड़ी क्षेत्र में रूक-रूक कर हो रही बारिश के कारण शनिवार को कोसी नदी में दिन भर पानी बढ़ने और घटने का सिलसिला जारी रहा. शाम 06 बजे कोसी बराज पर 01 लाख 03 हजार 155 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया. जबकि बराह क्षेत्र में 69 हजार 200 क्यूसेक पानी रिकॉर्ड किया गया. दोनों जगहों पर पानी स्थिर अवस्था में है.
बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुख्य अभियंता कार्यालय वीरपुर से मिली जानकारी के अनुसार सुपौल जिले के सभी स्पर सुरक्षित हैं. जबकि सहरसा जिला के कोपरिया स्थित पूर्वी कोसी तटबंध के 117.15 किमी स्पर के डी प्वाइंट के यूएस से नदी की धारा सट कर बहने के कारण दबाव बना हुआ है. सिंक प्वाइंट में भी दबाव बना हुआ है. वहीं बगैबा स्थित 117.50 के पास पूर्व में कराये गये ग्राम सुरक्षात्मक कार्य को नदी की तेज धारा से क्षरण होने के कारण उच्चाधिकारी के निर्देशानुसार आवश्यक न्यूनतम एफएफडब्ल्यू करा कर स्थल को सुरक्षित किया जा रहा है.
धौलागिरि पर्वत से निकलने वाली गंडक नदी गोपालगंज में खतरे के निशान से एक मीटर नीचे पहुंच गयी है. बांध पर सुरक्षा को लेकर जलसंसाधन विभाग की टीम लगातार निगरानी में जुटी है. नदी का जल स्तर पिछले 72 घंटों से 90 हजार क्यूसेक से नीचे बनी हुई है. इससे फिलहाल दियारे के लोगों को बाढ़ के संकट से राहत है. नदी के मिजाज का आकलन करना मुश्किल है. लेकिन निचले इलाके में रहने वाले लोग नदी के स्वभाव से परिचित है. नदी कब तबाही मचानी शुरू कर देगी, कहना मुश्किल है.
गोपालगंज में कटाव के खतरे से लोग सहमे हुए हैं. डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने बताया कि गंडक नदी में नेपाल से होने वाले डिस्चार्ज पर प्रशासन की नजर है. अभी बाढ़ का कोई खतरा नहीं है. लेकिन बचाव कार्यों को लेकर प्रशासन अलर्ट मोड में है. प्रशासन की ओर से व्यापक तैयारियां की गयी हैं.
सीतामढ़ी जिले में बागमती, अधवारा व झीम नदी का जलस्तर कहीं घट रहा है तो कहीं स्थिर बना हुआ है. जिला आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष के रिपोर्ट के अनुसार शनिवार को ढेंग, सोनाखान, चंदौली व कटौझा में बागमती नदी का जलस्तर घट रहा है. इसी तरह पुपरी में अधवारा नदी के जलस्तर में लगातार गिरावट हो रहा है. इधर, डुब्बाघाट में बागमती नदी, सुंदरपुर में अधवारा व गोआवाडी में लालबेकिया नदी के जलस्तर स्थिर बना हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार में सभी नदियों का जलस्तर फिलहाल खतरे के निशान से नीचे है.
Published By: Thakur Shaktilochan