Bihar Flood: कोसी-सीमांचल में बाढ़ से तबाही शुरू, हजारों लोगों का संपर्क टूटा, जानिए सूबे के हालात..

Bihar Flood:बिहार में बाढ़ के हालात अब बनते दिख रहे हैं. कोसी-सीमांचल क्षेत्र में बाढ़ का पानी अब गांवों में प्रवेश कर चुका है. लोग घरों में कैद होने को मजबूर हैं जबकि सड़क कटने की वजह से हजारों लोगों का संपर्क भी जिला मुख्यालय से टूट चुका है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 19, 2023 11:25 AM

Bihar Flood: बिहार में बाढ़ के हालात बनने लगे हैं. संभावित बाढ़ के खतरे को देखते हुए अब आपदा विभाग ने भी जिलों को अलर्ट कर दिया है. एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमें अभियान शुरू करने में जुट चुकी हैं. बिहार व नेपाल में हुई बारिश की वजह से नदियों में उफान देखा जा रहा है. पटना में भी गंगा का पानी अब घाट तक पहुंच चुका है. जबकि कोसी-सीमांचल की स्थिति लगातार बिगड़ रही है. लोग पलायन करने को मजबूर दिख रहे हैं.कई जगहों पर सड़क के ऊपर पानी बह रहा है और गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट चुका है.

सुपौल में कोसी का कहर

पिछले एक सप्ताह से कोसी नदी के जलस्तर में बढ़ने व घटने का सिलसिला जारी है. कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण सुपौल के किशनपुर प्रखंड के दुबियाही पंचायत वार्ड नंबर 01 में सिसवा गांव जाने वाली मुख्य सड़क दो जगह पानी के दबाव से ध्वस्त हो गयी. जिस कारण सिसवा, पंचगछिया, सुकमारपुर सहित अन्य गांवों के लगभग पांच हजार से अधिक लोगों का सड़क संपर्क भंग हो गया है. सड़क ध्वस्त हो जाने के कारण लोग जान हथेली पर रख कर एक छोर से दूसरे छोर आते-जाते हैं. सोमवार को कोसी नदी में पानी घटने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली थी. लेकिन मंगलवार की सुबह से ही एक बार फिर कोसी ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है.

पानी घटने-बढ़ने से कटाव की बनी समस्या

पानी घटने और बढ़ने के कारण तटबंध के अंदर बसे कई गांवों में कटाव की समस्या उत्पन्न हो गयी है. सदर प्रखंड के बलवा, बैरिया, घुरण में कटाव लग जाने के कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कटाव पीड़ित परिवार पूर्वी कोसी तटबंध पर यत्र-तत्र शरण लेकर किसी तरह रात गुजारने को विवश हैं.पानी बढ़ने के कारण सैकड़ों एकड़ से अधिक जमीन में बाढ़ का पानी फैल गया है. इससे किसान चिंतित है. इसके अलावा मौजहा और दुबियाही पंचायत के चारों तरफ बसे लोगों के घर आंगन में पानी घुस जाने से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. लोग माल मवेशी को ऊंचे स्थान पर ले जाने की तलाश में जुटे हुए हैं. कई परिवारों के घरों में पानी घुस जाने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है.

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कटिहार व सहरसा का हाल

कटिहार के शिकारपुर पंचायत के माहीनगर गांव में मंगलवार को भी महानंदा नदी में कटाव जारी है. ग्रामीणों ने बताया की महानंदा नदी कटाव से प्रत्येक वर्ष दर्जनों परिवार विस्थापित हो रहे हैं. कटिहार में गंगा कोसी व बरंडी के जलस्तर में उफान जारी है. सहरसा-मानसी रेलखंड पर कोसी और बागमती नदी तेज उफान पर है. वहीं रेलवे ट्रैक के पास नदी में तेज उफान से कटाव भी शुरू होने लगा है. अगर यही स्थिति रही तो ट्रेन परिचालन पर भी असर पड़ सकता है.रेलवे ट्रैक पर पेट्रोलिंग बढ़ाई गयी है. बागमती के उफान पर प्रशासन की नजर है.

पूर्णिया में सौरा नदी का हाल

पूर्णिया शहर के बीच से गुजरी सौरा नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है. नदी का पानी पूर्णिया सिटी और कप्तान पुल के समीप बढ़ गया है. बेलौरी के समीप नदी का पानी अब खेतों में भी फैलने लगा है. सिटी में कालीमंदिर घाट की चार सीढ़ियां डूब गईं हैं जबकि वहां बनाए गये शेड के नीचे पानी आ गया है. समझा जाता है कि पानी बढ़ने का यही सिलसिला रहा तो पूर्वी इलाके के मुहल्लों में फैलाव हो सकता है. दरअसल, नेपाल में हुई भारी बारिश के बाद अररिया की नदियों में आया पानी धीरे-धीरे बढ़कर सौरा में आ गया है. यही पानी आगे जाकर कटिहार के भसना नदी में मिल जाएगा.

रौद्र रुप दिखाने लगती है सौरा

जानकारों के अनुसार पनार नदी का पानी खेमा धार होते हुए धनखनिया के समीप दुमानी सौरा में मिल जाता है जिससे सौरा में उफान आने लगता है. अगर यहां भी बारिश होती रह गई तो सौरा रौद्र रुप धारण कर लेती है. उस समय सौरा का पानी शहर के में फैलने लगता है जिससे कई वार्डो में सैलाब जैसा संकट उत्पन्न हो जाता है. जानकारों का कहना है कि अधिक बारिश होने पर सौरा नदी यहां पूर्णिया सिटी स्थित काली बाड़ी के सामने अपना रौद्र रुप दिखाने लगती है जबकि खुश्कीबाग के शिवनगर, मिलनपाड़ा और कप्तानपाड़ा के पीछे का हिस्सा भी सौरा से प्रभावित हो जाता है जहां कभी कटाव तो कभी जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो जाती है. दूसरी ओर कप्तानपाड़ा पैट्रोल पंप के पीछे बसी आदिवासियों की बस्ती में भी पानी घुस जाता है जबकि ललयछौनी समेत कई मुहल्ले इसकी जद में आ जाते हैं. इधर, पूर्वी हिस्से की आबादी को तटबंध न होने का खामियाजा हर साल भुगतना पड़ता है.

नेपाल में बारिश से गोपालगंज में फिर बढ़ा गंडक नदी का जल स्तर

नेपाल के तराई इलाकों में हो रही बारिश से गोपालगंज में गंडक नदी के जल स्तर में फिर बढ़ोतरी होने लगी है. वाल्मीकिनगर बराज से लगातार पानी का डिस्चार्ज किया जा रहा है. मंगलवार की शाम में पांच बजे गंडक नदी में बराज से एक लाख 16 हजार 500 डिस्चार्ज लेवल चल रहा था. वहीं, शाम के छह बजे गंडक नदी का जलस्तर बढ़कर एक लाख 19 हजार पर जाकर रुक गया. ये पानी बुधवार को गोपालगंज में पहुंचेगा.गंडक नदी के जल स्तर में बढ़ोतरी होने से बाढ़ का कोई खतरा नहीं है, क्योंकि नदी का जल स्तर अब भी खतरे के निशान से एक मीटर नीचे है. बता दें कि बराज से तीन लाख क्यूसेक से अधिक पानी का डिस्चार्ज किया जाता है, तो गंडक नदी लाल निशान तक पहुंच सकती है, लेकिन फिलहाल खतरे के निशान से एक मीटर नीचे है.

Published By: Thakur Shaktilochan

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