Bihar Flood News: नदियों में बढ़-घट रहा पानी, तटबंध को लेकर अलर्ट मोड पर प्रशासन

Bihar Flood: सिकटी प्रखंड में नूना और बकरा नदी का पानी कम हो रहा है, जबकि जोकीहाट में बकरा नदी का पानी कुछ बढ़ा है. मधेपुरा के कई खेतों में पानी पहुंच चुका है. लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं.

By Ashish Jha | July 9, 2024 3:06 PM

Bihar Flood: भागलपुर. उत्तर पूर्व बिहार की नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी हुई है. छाटी बड़ी सभी नदियां उफान पर हैं. सुपौल में कोसी में बढ़ते जलस्तर के कारण तटबंध के बीच बसे कई गांवों में पानी फैल गया है.कई क्षेत्रों में सड़कों-पुलों के ऊपर से पानी बह रहा है. किशनगंज में नदी पार करने के दौरान डूबकर एक की मौत हुई है. प्रभावित लोगों का कहना है कि ना तो कोई नाव चलाई जा रही है और ना ही उन्हें कोई राहत उपलब्ध कराई गई है.

गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी

मुंगेर में पिछले 24 घंटे में गंगा के जलस्तर में 32 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. प्रति सेकेंड गंगा के चार से पांच सेंटीमीटर बढ़ने की संभावना जताई जा रही है. सोमवार शाम चार बजे गंगा का जलस्तर 33.27 मीटर मापा गया. मुंगेर में गंगा के खतरे का निशान 39.33 मीटर तथा चेतावनी स्तर 38.33 मीटर है. भारी वर्षा के कारण हवेली खड़गपुर प्रखंड की मनी, डंगरी, खर्रा, अगहिया व महाने सहित अन्य नदियां उफान मार रही हैं. लडुई गांव के समीप नहर के क्षतिग्रत हिस्से से पानी बहने के कारण कुछ क्षेत्रों में खेत जलमग्न हो गए हैं.

महानंदा में उफान, जलस्तर लाल निशान के पार

किशनगंज में सभी नदियां खतरे के निशान से नीचे हैं. महानंदा और कनकई नदी में उफान है. कई घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. कुछ क्षेत्रों में कटाव भी हो रहा है. बहादुरगंज प्रखंड में कुर्रा धार पार करने के दौरान एक युवक की डूबने से मौत हो गई. कटिहार में महानंदा नदी का जलस्तर लाल निशान को पार कर गया है. धबोल में नदी खतरे के निशान से 12 सेंटीमीटर तथा आजमनगर में 21 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. गंगा के जलस्तर में 14 व कोसी के जलस्तर में 17 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

कोसी नदी का जलस्तर बढ़ा

सोमवार शाम चार बजे कोसी नदी का जलस्राव कोसी बराज पर 2,23,650 क्यूसेक (घनफुट प्रति सेकेंड या 28.316 लीटर प्रति सेकेंड) रिकॉर्ड किया गया. इस पानी को बराज के 56 में से 39 फाटकों को उठाकर पासआउट कराया जा रहा है. सरायगढ़ में गौरीपट्टी गांव के समीप सुरक्षा बांध के ऊपर से पानी बह रहा है. सदर प्रखंड में बेरिया मंच को घूरन गांव से जोड़नेवाली सड़क कट गई है. नदी के जलस्तर में जारी गिरावट के उपरांत चार बिंदुओं यथा नेपाल प्रभाग के पूर्वी बाहोत्थान बांध के 26.40 किमी एवं भारतीय प्रभाग के पूर्वी कोसी तटबंध के 10.00,16.30 एवं 16.98 किमी स्पर पर दबाव बना हुआ है.

तटबंध के अंदर बसे गांवों पर दिखने लगा असर

मुख्य अभियंता बाढ़ नियंत्रण वीरपुर ई वरुण कुमार ने बताया कि देर रात तक दोनों प्रभागों के बांधों का मुआयना किया गया. इन चार बिंदुओं के अलावा कहीं कोई दबाव नहीं है. जलस्राव की बढ़ोतरी के बाद हुए पानी सुरक्षित तरीके से निकल रहा है. दोनों प्रभाग सुरक्षित हैं. रविवार को बराज से लगभग चार लाख क्यूसेक पानी छोड़ने का असर सहरसा में पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर बसे गांवों पर दिखने लगा है. तटबंध के अंदर बने भेलाही-बिरजाइन पथ पर पानी बहने लगा है. कई लोगों के घरों में भी पानी पहुंच गया है.

घट रहा है नदियों का जलस्तर

मधेपुरा के कई खेतों में पानी पहुंच चुका है. लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं. अररिया में बकरा, नूना और परमान नदियों में पानी थोड़ा कम हो रहा है. सिकटी प्रखंड में नूना और बकरा नदी का पानी कम हो रहा है, जबकि जोकीहाट में बकरा नदी का पानी कुछ बढ़ा है. फिलहाल सिकटी, पलासी, जोकीहाट और फारबिसगंज होकर बहने वाली बकरा, नूना और परमान में पानी लबालब है.

Also Read: Patna Airport: पटना एयरपोर्ट से 24 साल बाद शुरू होगी अंतरराष्ट्रीय उड़ान, इन देशों के लिए हवाई सेवा जल्द

बागमती में बढ़ रहा पानी

पलासी प्रखंड के आधा दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी फैला हुआ है. सिकटी प्रखंड के सिंघिया में मनरेगा से बनी मेंड़ नूना नदी के पानी के दवाब में लगभग 15-20 फीट तक टूटी है. सिंघिया गांव में पानी फैल गया है. कई घर भी जलमग्न हैं. खगड़िया के बलतारा में कोसी एक बार फिर खतरे के निशान से 73 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. बागमती संतोष जलद्वार के पास खतरे के निशान से 58 सेंटीमीटर ऊपर है.

Next Article

Exit mobile version