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आपदा को अवसर में बदल रहे किराना कारोबारी, बिहार में सरसों तेल की धार हुई तेज, दलहन भी रेस में

कोरोना संकट व लॉकडाउन के कारण सरसों तेल की कीमत बढ़ने का सिलसिला जारी है तो दलहन की कीमत भी बढ़ने के बाद घटने का नाम नहीं ले रही. सरसों तेल 170 से लेकर 210 रुपये लीटर तक बिक रहे हैं. रिफाइंड भी 140-150 से 155-160 रुपये लीटर पर पहुंच गया है. मंडी व किसानों का उत्पादित माल मिल तक नहीं पहुंचने के कारण सरसों तेल व रिफाइंड की धार तेज हो गयी है. वहीं दलहन उत्पादक प्रदेशों की मंडियों से माल बाजार तक नहीं पहुंचने के कारण शॉर्टेज का दंश झेलना पड़ रहा है.

कोरोना संकट व लॉकडाउन के कारण सरसों तेल की कीमत बढ़ने का सिलसिला जारी है तो दलहन की कीमत भी बढ़ने के बाद घटने का नाम नहीं ले रही. सरसों तेल 170 से लेकर 210 रुपये लीटर तक बिक रहे हैं. रिफाइंड भी 140-150 से 155-160 रुपये लीटर पर पहुंच गया है. मंडी व किसानों का उत्पादित माल मिल तक नहीं पहुंचने के कारण सरसों तेल व रिफाइंड की धार तेज हो गयी है. वहीं दलहन उत्पादक प्रदेशों की मंडियों से माल बाजार तक नहीं पहुंचने के कारण शॉर्टेज का दंश झेलना पड़ रहा है.

दलहन व तेलहन की नयी फसल आने के बाद भी उपभोक्ताओं को इसका लाभ मिलने की बजाय महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है. इतना ही नहीं लॉकडाउन के बीच जमाखोर व मुनाफाखोर की चांदी बढ़ती ही जा रही है. सरसों तेल और रिफाइंड में तेजी की वजह से हर घर का बजट 500 से 1000 रुपये बढ़ गया है.

कोरोना महामारी से शहरवासी पहले से ही जूझ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर किराना कारोबारी इस आपदा को अवसर में बदलने में लगे हैं और ग्राहकों की लाचारी का फायदा उठा रहे हैं. मुनाफाखोरी इतनी बढ़ गयी है कि एक से दो किलोमीटर की दूरी पर 15 से 20 रुपये किलो तक खाद्यान्न की कीमत वसूल रहे हैं.

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थोक कारोबारियों की मानें तो मंडी व अधिकतर मिल बंद हो जाने के कारण एक माह के अंदर महंगाई पहले से ही बढ़ गयी है. माल की आवक 50 फीसदी भी नहीं रह गयी है. रोहित जैन ने बताया कि इंदौर समेत देश की बड़ी मंडियां बंद पड़ीं हैं. हालांकि कोरोना के कारण लगन का बाजार ठप हो गया. इससे मांग भी कम हो गयी. इससे अब महंगाई नहीं बढ़ेगी.

किराना दुकानदार विक्रम कानोडिया ने बताया कि अभी मंगल सरसों तेल 170-175 रुपये लीटर, हाथी 175 रुपये लीटर, जबकि पतंजलि 185 व इंजन 210 रुपये लीटर बिक रहा है. वहीं कोरोना महामारी के भय से गली-मोहल्ले के ग्राहक जल्दबाजी खरीदारी करने के चक्कर में मुनाफाखोरी के शिकार हो रहे हैं. ग्राहक भी एक ही दुकान में जिस भाव में खाद्यान्न मिला, उसे लेकर चलते बन रहे हैं.

लॉकडाउन के कारण किसानों का माल मिल तक नहीं पहुंचने के कारण महंगाई बढ़ रही है. खासकर सरसों का भाव बढ़ने के कारण तेल की कीमत बढ़ रही है. सरसों तेल का भाव 250 रुपये तक पहुंचने की संभावना जतायी है. सरसों का ही भाव 90 से 95 रुपये किलो हो गया है. पिछले सप्ताह यह 87 से 92 रुपये किलो था. सरसों की आपूर्ति भी आर्डर के अनुसार नहीं हो रही है. विक्रेताओं का कहना है कि स्टाकिस्ट और कीमत बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं. बिहार में सरसों तेल हुई महंगी तथा Hindi News से अपडेट के लिए बने रहें।

खाद्यान्न- पहले का रेट- वर्तमान रेट

चना दाल – 70 रुपये प्रति किलो- 80-85रुपये प्रति किलो

मसूर दाल – 76 रुपये प्रति किलो- 82 -90 रुपये प्रति किलो

अरहर दाल- 98 रुपये प्रति किलो- 110-125 रुपये प्रति किलो

मूंग दाल- 96रुपये प्रति किलो- 115-120रुपये प्रति किलो

खाद्यान्न- पहले का रेट -वर्तमान रेट

काबुली- 75रुपये प्रति किलो- 120रुपये प्रति किलो

सरसों तेल – 160-165 रुपये प्रति लीटर – 170 -210रुपये प्रति लीटर

रिफाइंड -140-150रुपये प्रति लीटर – 160रुपये प्रति लीटर

नोट:-खाद्यान्न की कीमत खुदरा किराना दुकान से प्राप्त

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

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