Bihar News: भागलपुर में चेहल्लुम के मौके पर मंगलवार को शहर के अलग-अलग मुस्लिम इलाकों से परंपरागत तरीके से अखाड़ा जुलूस निकाला जायेगा. अखाड़ा मार्ग से शाहजंगी कर्बला मैदान पहुंचकर पहलाम होगा. इससे पहले सुबह फातिहाखानी के लिए सभी मोहल्लों से अखाड़ा जुलूस सराय किलाघाट स्थित इमामबाड़ा जायेगा.
यहां फातिहाखानी कराने के बाद वापस अपने-अपने मोहल्ले वापस लौट जायेगा. अखाड़ा में पारंपरिक हथियारों से लोगों द्वारा करतब दिखाया जायेगा. फिर रात नौ बजे के बाद से मुहल्लों से अखाड़ा जुलूस निकाला जायेगा, जो शाहजंगी पहुंचकर पहलाम करेंगे. सेंट्रल मुहर्रम कमेटी के सह संयोजक महबूब आलम ने कहा कि अखाड़ा निकालने के लिए थाना से लाइसेंस लेना होता है. दो दर्जन से अधिक मोहल्ले के अखाड़ा जुलूस को लाइसेंस मिला है.
शाहजंगी मेला मैदान सज कर तैयार
शाहजंगी मेला मैदान सोमवार को लगभग सज-धज कर तैयार हो गया है. बड़ों से लेकर बच्चों तक के लिए मेला में मौज-मस्ती का ख्याल रखा गया है. मैदान में तरह-तरह के झूले लगाये गये हैं. मेला में शाही कचौड़ी, दही कचौड़ी, पापड़ी चाट, ग्रीन चाट, दहीबाड़ा आदि की दुकानें भी लगायी गयी है. महिलाओं के लिए साज-सज्जा की सहित अन्य कई चीजों की दुकानें लगी है. मेला मैदान के चारों तरफ रंग-बिरंगी लाइट की व्यवस्था की गयी है. वहीं, सेंट्रल मुहर्रम कमेटी के संयोजक डॉ फारूक अली व महबूब आलम ने शाहजंगी मेला मैदान में रोशनी, पेयजल, एंबुलेंस व गोताखोर की व्यवस्था कराने की मांग जिला प्रशासन से की है.
चेहल्लुम को लेकर शिया समुदाय ने निकाला अलम का जुलूस
चहल्लुम के मौके पर हजरत हुसैन अलैह सलाम की याद में सोमवार को शिया समुदाय की ओर से असानंदपुर स्थित छोटा इमामबाड़ा व नया बाजार से अलम का जुलूस निकाला गया. मुस्लिम हाई स्कूल के पास मिल कर शाहजंगी स्थित कर्बला मैदान में शाम में पहुंचकर पारंपरिक तरीके से पहलाम किया. अलविदा-अलविदा नौहा खानी पढ़ते हुए पहलाम संपन्न हुआ. अलम का जुलूस को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे. पहलाम रूट स्थित चौक-चौराहों पर पुलिस अधिकारी व जवानों की तैनाती की गयी थी. इससे पहले अलम का जुलूस मोहद्दीपुर हबीबपुर स्थित लल्लू मियां इमामबाड़ा पहुंचा. यहां नौहा खानी, जंजीरी व सिर का मातम किया गया. इस दौरान नौहाखानी करने वालों में विक्टर हुसैन, नासिर हुसैन, जावेद नक्वी आदि शामिल थे.
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इमाम हुसैन ने शहादत देकर दीन ए इस्लाम को बचाया
जुलूस में मौलाना मंजर अब्बास ने मजलिस पढ़ी. मौके पर उन्होंने कहा कि इमाम हुसैन ने शहादत देकर दीन-ए-इस्लाम को बचाया. हजरत हुसैन ने अपनी शहादत देकर आलमे दीन व इंसानियत को बचाया है. इंसानियत को जुल्म से आजाद कराया है.उनकी मिसाल रहती दुनिया तक एक नमूना है. मौलाना तासीर हुसैन ने तकरीर में कहा कि इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की शहादत के बारे में विस्तार से बताया.
उन्होंने कहा कि करबला वालों ने इंसानियत को बचाने के लिए शहादत दी है. हजरत हुसैन ने इस्लाम को बचाने व परचम बुलंद करने के लिए अपनी व अपने रिश्तेदारों की कुर्बानी दी. हजरत इमाम हुसैन व उनके साथियों ने 10 मुहर्रम को अपनी शहादत दी थी. 40 दिन पूरा होने पर चेहल्लुम मनाया जाता है.
नम आंखों से लोगों ने पढ़े अलविदाई नौहा
जुलूस में शामिल शिया समुदाय के लोगों की आंखें नम थी. इमाम हुसैन की याद में नौहा पढ़ते हुए चल रहे थे. जुलूस में भागलपुर के अलावा झारखंड, पटना आदि जगहों से आये लोग भी शामिल हुए थे. शिया समुदाय के पहलाम को देखने के लिए मुस्लिम हाइस्कूल समपार से लेकर शाहजंगी मेला मैदान तक लोगों की भीड़ लगी रही. खास कर जंजीरी मातम देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी.
शांतिपूर्ण पहलाम के लिए शुक्रिया अदा किया
जिला शिया वक्फ बोर्ड के सचिव सैयद जीजाह हुसैन ने शांतिपूर्ण पहलाम के लिए जिला प्रशासन, तातारपुर थाना की पुलिस व सेंट्रल मुहर्रम कमेटी का शुक्रिया अदा किया है. पहलाम के दौरान कमेटी के डिप्टी मेयर डॉ सलाहउद्दीन अहसन, डॉ फारूक अली, महबूब आलम, तकी जावेद, आसिफ खान, सैयद जयाउल हक, मिंटू कलाकार, जुम्मन अंसारी आदि मौजूद थे.