Bihar News: भागलपुर. टीएमबीयू के पीजी हिंदी विभाग में फिल्मी गीतों पर डांस व तलवार से शिक्षकों द्वारा केक काटने के मामले में शिक्षक दिव्यानंद के तबादले के बाद स्थिति और विस्फोटक होती जा रही है. विभाग में छात्र-छात्राओं का आमरण-अनशन गुरुवार को चौथे दिन भी जारी रहा. कुलपति के निर्देश पर डीएसडब्ल्यू प्रो विजेंद्र कुमार व प्रॉक्टर प्रो अर्चना साह अनशनकारी छात्र-छात्राओं से अनशन समाप्त करने के लिए समझाने-बुझाने पहुंचे थे, लेकिन एक बार फिर से अनशनकारी छात्रों व प्रॉक्टर के बीच तीखी बहसबाजी हो गयी. छात्रों ने प्रॉक्टर की बात नहीं सुनी. उनका आरोप था कि प्रॉक्टर द्वारा छात्रों के लिए अभद्र शब्दों का प्रयोग किया जाता है. ऐसे में अनशनकारी छात्रों ने मौके से प्रॉक्टर से वार्ता करने से मना कर दिया. प्रॉक्टर को लौटना पड़ा. हालांकि डीएसडब्ल्यू अनशनकारी छात्रों को मनाने के लिए प्रयास करते रहे, लेकिन बात नहीं बनी. बता दें कि 10 फरवरी से ही विभाग में छात्र-छात्राएं अनशन पर हैं. ये अपनी मांग को लेकर अड़े हुए हैं. विश्वविद्यालय की तरफ से इन्हें मनाने के लिए किये गये हर प्रयास अबतक असफल रहे हैं. छात्रों के आक्रोश का सामना भी विवि के पदाधिकारियों को करना पड़ रहा है.
कई छात्रों की तबीयत बिगड़ी, स्लाइन चढ़वाकर धरना स्थल पर डटे
पीजी हिंदी विभाग के बाहर अनशन पर बैठे कई छात्र-छात्राओं की तबीयत बिगड़ने लगी है. नौ छात्रों को अनशन स्थल पर ही स्लाइन चढ़ाया गया है. एक छात्रा अचेत होकर गिर गयी. जिसे पानी के छींटे देकर सामान्य स्थिति में लाया गया. एक छात्र को बीपी की शिकायत हुई. उपचार के लिए सदर अस्पताल भेजा गया है. छात्र हैप्पी आनंद, रुपेश कुमार, पूजा, सिंकू कुमारी, सन्नी, आशुतोष, प्रियंका, चंपा, वर्षा को स्लाइन चढ़ाया गया है. छात्रों ने बताया कि पांच छात्र-छात्राओं को उपचार के लिए सदर अस्पताल में भेजा गया है.
छात्रों के अनशन को सियासी रंग भी देने का प्रयास
छात्र-छात्राएं शिक्षक को वापस करने की मांग पर अनशन पर बैठे हैं. दूसरी तरफ छात्रों के इस अनशन को सियासी रंग भी देने का प्रयास शुरू हो गया है. राजनीतिक दलों से जुड़े लोग अनशनस्थल पर पहुंचने लगे हैं. गुरुवार को कई राजनीतिक पार्टी के नेता व कार्यकर्ता भी अनशन स्थल पर पहुंचे. शाम तक नेता व कार्यकर्ता मौके पर पहुंचते रहे. कई सामाजिक संगठन के भी कार्यकर्ता अनशन स्थल पहुंचे थे. उन सभी से छात्र-छात्राओं की एक ही मांग थी कि दिव्यानंद सर को विभाग में वापस लाया जाये. सभी छात्र-छात्राएं अपनी गलती के लिए बार-बार माफी मांग रहे हैं लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है.