Bihar News: बिहार के किस क्षेत्र में बाढ़ से कितना हुआ नुकसान, बीएयू मुहैया करायेगा सटीक जानकारी
Bihar News: बिहार का पहला जीआइएस लेबोरेट्री विवि में शुरू किया गया है, नासा, इसरो व यूरोपियन स्पेस एजेंसी से विवि सेटेलाइट डाटा एकत्रित करता है.
Bihar News: ललित किशोर मिश्र,
भागलपुर. बिहार के किसी भी जिले में कितने क्षेत्रफल में बाढ़ आयी है, कितना क्षेत्र इससे प्रभावित हुआ है, कितनी फसल बर्बाद हुई है आदि तथ्यों की सटीक जानकारी अब बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर मुहैया करायेगा. इसके लिए विवि के कुलपति डॉ डीआर सिंह के नेतृत्व व मृदा विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ अंशुमान कोहली की देखरेख में सूबे का पहला जीआइएस लेबोरेट्री में काम शुरू हो गया है.
लेबोरेट्री में चार अन्य वैज्ञानिक वीके विकल, साई परासर दास, डॉ सागर इंग्ले नंदू लाल व डॉ भवानी प्रसाद मंडल हैं. अभी तक बाढ़ क्षेत्र का आकलन एरियल सर्वे व ग्राउंड रिपोर्ट से किया जाता रहा है. इसमें कई तरह की अड़चनें आती थी और कुछ हद तक त्रुटि रहने की गुंजाइश बनी रहती थी. खास कर स्थलीय निरीक्षण में गड़बड़ी की शिकायतें लगातार सरकार को मिलती रही हैं. अब ऐसा नहीं होगा. गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी. विवि यह डाटा केंद्र व राज्य सरकार के साथ ही प्राइवेट एजेंसियों को भी उपलब्ध करायेगा.
नासा, इसरो व यूरोपियन स्पेस एजेंसी से विवि सेटेलाइट डाटा करता है एकत्रित
विवि डाटा तैयार करने के लिए नासा, इसरो व यूरोपियन एजेंसी के सेटेलाइट के डाटा को एकत्रित करता है. इसके अलावा भी विभिन्न एजेंसियों से डाटा एकत्रित करता है. इसके बाद लैब के इसकी मैपिंग करके रिपोर्ट तैयार करते हैं. इस माध्यम से किसी खास इलाके में खेती के रकबे पर भी नजर रखी जा सकेगी.
आने वाले दिनों में विवि अपनी वेबसाइट पर करेगा डाटा अपलोड
आने वाले दिनों में विवि द्वारा इस मैप को अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने की भी योजना है. वेबसाइट पर अपलाेड करने के बाद कोई भी विवि की वेबसाइट पर इसकी जानकारी ले सकता है. इस मैप में बाढ़ समेत कृषि से जुड़ी अन्य जानकारी रहेगी.
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बीएयू स्थित जीआइएस लेबोरेट्री राज्य की पहली यूनिट है. इसमें वैश्विक एजेंसियों के माध्यम से सटीक डाटा उपलब्ध कराया जायेगा. इससे कृषि जगत भी लाभान्वित होगा. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र की जानकारी भी जल्दी मिल जायेगी. -डॉ डीआर सिंह, कुलपति, बिहार कृषि विवि सबौर, भागलपुर