Bihar News: भागलपुर में डीएसपी का मोबाइल हुआ था चोरी, CSP संचालकों की मदद से बदमाशों ने खाते से निकाले थे पैसे

Bihar News: भागलपुर में डीएसपी के मोबाइल को चोरों ने उड़ा लिया और फिर सीएसपी संचालकों को कमीशन देकर पुलिस अधिकारी के बैंक खाते से पैसे निकाल लिए थे.

By ThakurShaktilochan Sandilya | October 18, 2024 9:17 AM

अंकित आनंद: भागलपुर जिला बल के पूर्व पदाधिकारी और वर्तमान में डीएसपी रैंक के अधिकारी संजय कुमार सुधांशु से हुई ठगी के मामले में साइबर थाना की पुलिस ने चार्जशीट सौंप दिया है. पुलिस ने खुलासा किया है कि डीएसपी का मोबाइल चोरी करने के बाद उससे अवैध निकासी करते हुए अपराधियों ने पैसों को ग्राहक सेवा केंद्र चलाने वाले दो लोगों के खाते में भेज दिया था. बाद में उक्त पैसों को यूपीआइ के माध्यम से निकासी कर लिया था.

पैसे निकासी के एवज में सीएसपी के संचालकों को मिली थी मोटी कमिशन

पैसे निकासी के एवज में अपराधियों ने सीएसपी के संचालकों को मोटी कमिशन भी दी थी. मामले में पकड़े गये दो ग्राहक सेवा केंद्र संचालक भीखनपुर गुमटी नंबर 1 के रहने वाले दीपक कुमार और लोदीपुर निवासी मो तबरेज के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की है. हालांकि पुलिस अब तक मोबाइल चोरी करने वालों और पैसे ट्रांसफर करने वाले अपराधियों का पता नहीं लगा सकी है.

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डीएसपी का मोबाइल हुआ था चोरी

बता दें कि विगत 9 मई 2024 को सब्जी मंडी से स्टेशन चौक की ओर जाने के क्रम में डीएसपी संजय कुमार सुधांशु का मोबाइल चोरी हो गया था. जिसके बाद उन्होंने अपना दूसरा सिम एक्टिवेट कराने के बाद जब उसमें अपने ऑनलाइन पेमेंट एप को डाउनलोड किया तो पाया कि उनके बैंक खाते से दो ट्रांजेक्शन में कुल 58 हजार 920 रुपये की अवैध निकासी कर ली गयी थी. जिसके बाद उन्होंने साइबर थाना में इस संबंध में केस दर्ज कराया था.

बैंक स्टेटमेंट से चला पता, किन मोबाइल धारकों को भेजा गया था पैसा

मामले में डीएसपी लाइन सह साइबर थाना के डीएसपी की ओर से जांच रिपोर्ट में जिन दो मोबाइल नंबरों पर पैसों का ट्रांजेक्शन किया गया है, उसके धारक की विस्तृत जानकारी निकालने का निर्देश दिया गया. जिसके बाद पुलिस ने मामले में दीपक कुमार और मो तबरेज की पहचान की. उनके द्वारा ग्राहक सेवा केंद्र चलाये जाने और लाइसेंस होने का दावा किया, पर मामले में बिना पहचान पत्र के लोगों से मोटी कमिशन लेकर उन्हें पैसे मुहैया कराने के आरोप में उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की गयी. जिसमें दीपक कुमार की ओर से कोर्ट से गिरफ्तारी पर रोक के कागजात प्रस्तुत किये गये, जबकि मो तबरेज को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था.

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