Bihar News: अब ईडी तक जाने लगा भागलपुर का जमीन विवाद, फर्जी म्यूटेशन की शिकायत का जानिए यह मामला…

Bihar News: भागलपुर के जमीन विवाद का मामला अब ईडी ऑफिस तक पहुंचने लगा है. ताजा मामला सामने आया जिसमें ईडी ने डीएम को एक पत्र भेजा है. जानिए...

By ThakurShaktilochan Sandilya | October 18, 2024 9:32 AM

Bihar News: भागलपुर जिले में जमीन विवाद का मामला गहराता जा रहा है. गलत कौन और सही कौन, इसका फैसला स्थानीय स्तर से नहीं हो पा रहा है. इसकी वजह से लोगों को स्थानीय पदाधिकारियों से भरोसा उठने लगा है. नतीजतन जिस आवेदन पर लोगों को स्थानीय कार्यालय स्तर से सहजता से न्याय मिल सकता है, वह केंद्र सरकार के दफ्तरों तक पहुंचने लगा है. हाल में एक मामला सामने आया है जिसमें जमीन का फर्जी तरीके से किसी और के नाम पर म्यूटेशन कर दिया गया तो जमीन मालिक अब जिला प्रशासन के दफ्तरों से थक-हारकर सीधे ईडी तक फरियाद लेकर पहुंचे.

ईडी के पास पहुंचा जमीन विवाद का मामला

ताजा मामला लहेरी टोला के रहनेवाले कृष्ण कुमार गुप्ता का है, जिनकी मां के नाम की दो जमीन का म्यूटेशन किसी दूसरे के नाम से कर दिया गया है. गुप्ता जब स्थानीय दफ्तरों की दौड़ लगाते-लगाते थक गये, तो उन्होंने यह मामला इडी (प्रवर्तन निदेशालय) को भेज दिया. यह मामला इडी के स्तर का नहीं होने के कारण इडी के पटना क्षेत्रीय कार्यालय के असिस्टेंट डायरेक्टर भूपेश ने उक्त आवेदन 27.09.2024 को डीएम को भेजा है. इडी ने डीएम को लिखा है कि यह मामला उनके (डीएम) के स्तर से निष्पादित होनेवाला है. लिहाजा अपने स्तर से देख लें.

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क्या है मामला…

आवेदन के अनुसार, लहेरी टोला के रहने वाले कृष्ण कुमार गुप्ता की मां मोहिनी देवी के नाम से गोराडीह अंचल के बड़हरी और जगदीशपुर अंचल के हुसैनाबाद में जमीन है. उनकी मां का निधन वर्ष 2004 में ही हो गया था. उनके निधन के 16 वर्षों के बाद वर्ष 2020 में दोनों जमीन का म्यूटेशन किसी और के नाम से हो गया. आवेदक ने सवाल उठाया है कि जमीन मालिक ही जब इस दुनिया में नहीं है, तो उनकी जमीन किसी और के नाम से म्यूटेशन कैसे हो सकता है. उनकी मां ने किसी को भी जमीन नहीं बेची है.

जब यहां किसी ने नहीं सुना, तब इडी को भी आवेदन भेजा : आवेदक

आवेदक कृष्ण कुमार गुप्ता ने बताया कि वे उस कागजात को देखने के लिए गोराडीह अंचल भी गये थे, जिसके आधार पर जमीन का म्यूटेशन किसी और के नाम कर दिया गया है. अंचल के कर्मचारियों ने कहा कि ऐसा कोई कागजात नहीं है. फिर जिस डीडी नंबर (रजिस्ट्री के कागजात) के आधार पर म्यूटेशन किया गया था, उस डीडी को ढूंढ़ने रजिस्ट्री कार्यालय भी गये. वहां ऐसा कोई डीड नहीं मिला और यह जानकारी मिली कि ऐसा कोई डीड है भी नहीं. इसके बाद डीएम कमिश्नर, राज्यपाल, पीएमओ सभी को आवेदन भेजा. लेकिन हर स्तर से निराशा ही हाथ लगी. उनका कहना था कि अब इडी को आवेदन भेजा है, देखते हैं न्याय मिलता है कि नहीं.

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